अमेरिका में अंडे की कीमतों में लगी आग, एक दर्जन की कीमत जानकर चौंक जाएंगे आप; महंगाई के पीछे क्या है वजह?
Egg Price Hikes In US अमेरिका में अंडे की कीमत काफी बढ़ चुकी है। फिलहाल अमेरिका यूरोप के कई देशों से अंडे खरीदने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका ने तुर्किए और दक्षिण कोरिया से भी अंडे खरीदने की इच्छा जाहिर की है। हालात इतनी बदतर हो चुकी है कि मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों से लोग अंडों की तस्करी तक कर रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप दूसरे देशों पर टैरिफ पर टैरिफ लगा रहे हैं। भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का फैसला करने वाले डोनाल्ड ट्रंप की सिरदर्दी अंडे ने बढ़ा रखी है। जी हां! दुनिया के समस्याओं को सुलझाने का दावा करने वाले अमेरिकी प्रशासन देश में बढ़ते अंडे की कीमतों से परेशान है।
अमेरिका में अंडे (Eggs Price in US) की कीमत आसमान छू रही है। हालात इतनी बदतर हो चुकी है कि मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों से लोग अंडों की तस्करी तक कर रहे हैं। कुछ शहरों में एक दर्जन अंडे की कीमत 10 डॉलर (करीब 870 रुपये) तक पहुंच गई है।
क्यों बढ़ी अंडे की कीमत?
अब यह भी जान लें कि अमेरिका में अचानक अंडे की कीमतों में आग क्यों लगी हुई है। दरअसल, बर्ड फ्लू H5N1 या एवियन इन्फ्लूएंजा महामारी प्रकोप की वजह से अमेरिका में साल 2022 से लेकर अब तक करीब 15 करोड़ से ज्यादा पक्षियों को मार दिया गया। इस साल फरवरी महीने में 1.9 करोड़ मुर्गियों की हत्या कर दी गई। नतीजा ये हुआ कि अंडे की सप्लाई कम हो गई।
ट्रंप ने कई देशों से मांगी मदद
फिलहाल अमेरिका, यूरोप के कई देशों से अंडे खरीदने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका ने तुर्किए और दक्षिण कोरिया से भी अंडे खरीदने की इच्छा जाहिर की है। सबसे बड़ी चिंता है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ और रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान कर दिया है, जिसकी वजह से अंडे खरीदना अमेरिका के लिए इतना आसान नहीं है।
वहीं, अंडों को सही ढंग से दूसरे देशों से अमेरिका तक लाना किसी चुनौती से कम नहीं है। बता दें कि पोलैंड, फिनलैंड और डेनमार्क ने अमेरिका के अंडे आयात करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।
अंडों की कीमतों में देखी जा रही गिरावट
अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि थोक अंडों की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। शुक्रवार तक, एक दर्जन अंडों की औसत थोक कीमत 3 डॉलर तक गिर गई थी, जो 21 मार्च को 3.27 डॉलर से 8 प्रतिशत कम है।
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