ट्रंप ने की ग्रीनलैंड पर कब्जे की बात, रूस-अमेरिका के बीच बसा ये आइलैंड क्यों है खास?
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों ग्रीनलैंड को खरीदने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद ग्रीनलैंड की सरकार ने जवाब देते हुए कहा यह अभी ब्रिकी के लिए नहीं है। ग्रीनलैंड डेनमार्क राजशाही के अधीन एक स्वायत्त क्षेत्र है। 3 जनवरी को ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने डेनमार्क से स्वतंत्रता की इच्छा जाहिर की थी। अब आपको विस्तार से बताते हैं आखिर ये आइसलैंड इतना खास क्यों है?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ग्रीनलैंड पर अमेरिकी नियंत्रण की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। वहीं डेनमार्क ने इस बात का विरोध किया था कि यह अभी ब्रिकी के लिए नहीं है। ग्रीनलैंड के अधिकारियों ने क्षेत्र की स्वतंत्रता के अधिकार पर जोर देने की मांग की है।
बता दें कि 7 जनवरी के बाद से ये चर्चा और तेज हो गई जब डोनाल्ड ट्रंप ने डेनमार्क का दौरा किया था। कई मील गहरा एक हिमखंड ग्रीनलैंड के 80 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है। ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप और यह कोई महाद्वीप नहीं है।
बर्फ से ढका है ग्रीनलैंड
ग्रीनलैंड का कुल क्षेत्रफल 21.6 लाख वर्ग किलोमीटर है इसका 80 फीसदी हिस्सा बर्फ की चादर से ढका है। यहां के लोग हमेशा अंधेरे में उत्तरी रोशनी के नीचे बर्फ पर सील का शिकार करते हुए क्रूर ठंडी सर्दियां बिताते हैं।
ग्रीनलैंड में क्या है खास?
- सालों से यात्रियों के लिए फ्लाइट से ग्रीनलैंड जाने की समस्या रही है।
- 2024 के अंत में राजधानी नुउक ने एक लंबे समय से विलंबित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट खोला।
- जून 2025 से, यूनाइटेड एयरलाइंस नेवार्क से नुउक तक हफ्ते में दो बार सीधी सेवा संचालित करे।
- पश्चिमी तट पर स्थित, इलुलिसैट एक अंधेरी चट्टानी खाड़ी पर एक सुंदर हलिबूटऔर झींगा-मछली पकड़ने वाला बंदरगाह है।
- ट्रैवलर पब में बैठकर 100,000 साल पुराने हिमनद बर्फ की तरफ से ठंडा-फिल्टर किए गए शिल्प बियर का आनंद ले सकते हैं।
ग्रीनलैंड से निकलकर कहां जाते लोग?
यह यूनेस्को की विश्व धरोहर आइसफजॉर्ड से हैरान होने वाली जगह है जहां मैनहट्टन के गगनचुंबी आकार के हिमखंड ग्रीनलैंड के आइसकैप से निकलकर आसपास के डिस्को खाड़ी में भूतिया जहाजों की तरह तैरते हैं।
छोटी नावें ट्रैवलर को खाड़ी के शानदार हिमशैल फ्लोटिला के बीच से बाहर ले जाती हैं। लेकिन ये उसके बहुत करीब नहीं जाती है।
ग्रीनलैंड पर अमेरिकी कब्जा क्यों चाहते हैं ट्रंप?
ग्रीनलैंड पर 1700 से ही डेनमार्क का नियंत्रण है। हालांकि साल 2009 में एक जनादेश के तहत ग्रीनलैंड ने डेनमार्क के नियंत्रण से आजाद होने का अधिकार हासिल कर लिया है।अमेरिका से यूरोप जाने के सबसे छोटे रूट पर ग्रीनलैंड स्थित है। अमेरिका काफी लंबे समय से ग्रीनलैंड को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानता है। शीत युद्ध के दौरान अमेरिका ने ग्रीनलैंड के थ्यूली में एक रडार बेस भी स्थापित किया था।
ग्रीनलैंड में दुनिया के कई दुर्लभ खनिजों के बड़े भंडार भी मौजूद हैं जो बैटरी और हाई-टेक डिवाइस बनाने में इस्तेमाल होते हैं। ट्रंप का मानना है कि रूसी और चीनी जहाजों की निगरानी के लिए भी ग्रीनलैंड अहम है।
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