'साउथ अफ्रीका को G-20 में नहीं होना चाहिए...', ट्रंप ने जोहान्सबर्ग जाने से क्यों कर दिया इनकार?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका को अब जी-20 में नहीं होना चाहिए और वह जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया। दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जी-20 नेताओं की बैठक में भाग लेंगे।
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका को अब जी-20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नहीं होना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि वह इस महीने के अंत में होने वाले जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे, जब अफ्रीकी देश इस समूह की अध्यक्षता करेगा।
मियामी के एक बिज़नेस फोरम में डोनल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि वो जोहान्सबर्ग में होने वाले आगामी G20 समिट में शिरकत नहीं करेंगे। उनका तर्क था कि साउथ अफ्रीका को अब जी-20 में रहना भी नहीं चाहिए क्योंकि वहां की लीडरशिप के सामने दमनकारी घटनाएं हो रही हैं, खास तौर पर व्हाइट साउथ अफ्रीकन किसानों के खिलाफ मानवता के अधिकारों का हनन हो रहा है।
क्यों नाराज हैं ट्रंप?
ट्रंप का ये बयान उस वक्त आया जब साउथ अफ्रीका पहली मर्तबा G20 की प्रेसिडेंसी संभाल रहा है और 22–23 नवंबर को समिट की मेजबानी की तैयारी कर रहा है। साउथ अफ्रीकन सरकार ने ट्रंप के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
ट्रंप ने कहा कि मियामी पीढ़ियों से दक्षिण अफ्रीका में कम्युनिस्ट अत्याचार से भागने वालों के लिए एक आश्रय स्थल रहा है। ट्रंप ने कहा, 'मेरा मतलब है, दक्षिण अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में क्या हो रहा है, इस पर एक नजर डालें। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में क्या हो रहा है, इस पर एक नजर डालें।'
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस 22-23 नवंबर को सोवेटो में होने वाली जी-20 नेताओं की बैठक में भाग लेने वाले हैं।

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