तो क्या अब खुलेगा 'एपस्टीन' का राज? ट्रंप ने रखा संसद में वोटिंग का प्रस्ताव
Donald Trump on Epstein Files: डोनाल्ड ट्रंप ने एपस्टीन फाइल्स को सार्वजनिक करने पर अपना रुख बदलते हुए कहा है कि रिपब्लिकन सांसदों को संसद में इस पर वोटिंग करनी चाहिए। पहले उनका प्रशासन इसके खिलाफ था। एपस्टीन विवाद में यौन शोषण और तस्करी के आरोप हैं और ट्रंप पर फाइल्स को दबाने का आरोप लगता रहा है। ट्रंप का कहना है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और वे इस मुद्दे को खत्म करना चाहते हैं।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप। फोटो- रायटर्स
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिका का एपस्टीन मामला अक्सर सूर्खियों में रहता है। कई विपक्षी नेताओं का आरोप है कि ट्रंप एपस्टीन फाइल को खोलने से कतराते हैं। मगर, अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इसपर बड़ा बयान दिया है।
ट्रंप का कहना है कि रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों को संसद में इसपर वोटिंग करनी चाहिए कि जेफरी एपस्टीन से जुड़ी एपस्टीन फाइल्स रिलीज की जानी चाहिए या नहीं?
ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और अब समय आ गया है कि रिपब्लिकन पार्टी की सफलता पर सवाल उठाने वाले डेमोक्रेट्स (विपक्षी दल) और लेफ्ट के एजेंडे को धराशायी किया जाए।"
ट्रंप ने बदला रुख
डेमोक्रेट्स समेत रिपब्लिकन पार्टी के भी कई नेता एपस्टीन फाइल्स को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन हमेशा से इसके खिलाफ रहा है। मगर, अब ट्रंप ने एपस्टीन फाइल्स पर अपना रुख बदल लिया है। ट्रंप इस मामले पर संसद में वोटिंग करवाना चाहते हैं।
हालांकि, संसद में बहुमत ट्रंप की पार्टी के पास ही है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि संसद का फैसला भी ट्रंप के पक्ष में आ सकता है। ऐसा करके ट्रंप एपस्टीन के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालना चाहते हैं।
क्या है एपस्टीन विवाद?
डोनल्ड ट्रंप के साथ रिश्ते खराब होने के बाद एलन मस्क ने एपस्टीन फाइल्स का जिक्र किया था। एलन मस्क का दावा था कि एपस्टीन फाइल्स में ट्रंप का भी नाम है, जिसकी वजह से वो इसे सार्वजनिक नहीं होने दे रहे हैं। वहीं, मस्क के दावे के बाद विपक्षी दलों ने भी एपस्टीन को सबके सामने रखने की मांग तेज कर दी थी।
एपस्टीन मामला अमेरिका के मशहूर कारोबारी जेफरी एपस्टीन से जुड़ा था। 2019 में एक महिला ने सार्वजनिक तौर पर एपस्टीन की पोल खोलते हुए कहा कि 1999-2002 के बीच उसे यौन शोषण के लिए कई बड़े लोगों के पास भेजा गया था। एपस्टीन पर यौन तस्करी और नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोप लगा था। 2019 में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जेल में ही एपस्टीन की मौत हो गई थी।
जेफरी एपस्टीन को ट्रंप का करीबी दोस्त माना जाता है। वहीं, एपस्टीन फाइल्स के खुलासे के समय अमेरिका में ट्रंप ही राष्ट्रपति थे। ऐसे में ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर एपस्टीन फाइल्स के कुछ पेजों को गुप्त रखा है, जिसमें कई दिग्गज हस्तियों के नाम शामिल होने का अनुमान है।
(समाचार एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)
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