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    US वोटिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहे ट्रंप, भारत की चुनावी प्रकिया के पढ़ने लगे कसीदे; अमेरिका में ऐसे होगा चुनाव

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और ब्राजील का उदाहरण देते हुए अमेरिकी चुनाव सुधारों की वकालत की है। उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर मतदाता पहचान को बायोमीट्रिक डेटाबेस से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। ट्रंप ने नागरिकता सत्यापन और मतगणना प्रक्रियाओं में बदलाव की बात कही। भारत में भी चुनाव आयोग आधार और मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने की संभावना तलाश रहा है।

    By Chandan Kumar Edited By: Chandan Kumar Updated: Thu, 27 Mar 2025 06:11 PM (IST)
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    ट्रंप ने चुनाव सुधारों पर जोर देते हुए भारत और ब्राजील का उदाहरण दिया।

    पीटीआई, न्यूयार्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की चुनाव प्रक्रिया से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने भारत के साथ ही ब्राजील का हवाला देकर अमेरिकी चुनाव सुधार की ओर कदम बढ़ाए हैं।

    ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन के लिए मंगलवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसमें उन्होंने भारत और ब्राजील का उदाहरण देते हुए कहा कि वे मतदाता पहचान को बायोमीट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका नागरिकता के लिए अभी भी स्व-सत्यापन पर निर्भर है।

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    ट्रंप के कार्यकारी आदेश में क्या कहा गया है?

    ट्रंप ने आदेश में संघीय चुनावों में मतदान की खातिर पंजीकरण कराने के लिए नागरिकता दस्तावेज प्रमाण की आवश्यकता और चुनाव के दिन तक सभी मतपत्र प्राप्त होने की बात कही है।

    ट्रंप के कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि स्वशासन की अग्रणी व्यवस्था के बावजूद अमेरिका अभी तक दोनों देशों की ओर से उपयोग में लाए जाने वाले बुनियादी और आवश्यक चुनाव सुधार को लागू करने में विफल रहा है।

    आदेश के अनुसार, "उदाहरण के तौर पर भारत और ब्राजील मतदाता पहचान को बायोमीट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका नागरिकता के लिए व्यापक रूप से स्व-सत्यापन पर निर्भर है।

    मतगणना करने में जर्मनी और कनाडा को स्थानीय अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से गिने जाने वाली मतपत्रों के उपयोग की आवश्यकता होती है, जो अमेरिकी मतदान विधियों की तुलना में विवादों को काफी हद तक कम कर देता है।"

    डाक से भेजे जाने वाले वोट को लेकर आदेश में क्या?

    आदेश में कहा गया है कि जबकि डेनमार्क और स्वीडन जैसे देश डाक द्वारा मतदान की सुविधा उन लोगों तक सीमित रखते हैं, जो व्यक्तिगत रूप से मतदान करने में असमर्थ होते हैं और मतपत्र भेजे जाने की तारीख की परवाह किए बिना देर से मिलने वाले मतों की गिनती नहीं करते। जबकि अमेरिकी चुनावों में अब भी डाक द्वारा बड़े पैमाने पर मतदान की सुविधा है, जिसमें कई अधिकारी बगैर तारीख वाले मतपत्र या चुनाव तिथि के काफी बाद मिलने वाले मतपत्रों को भी स्वीकार कर लेते हैं।

    भारत में चुनाव आयोग मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की संभावना तलाश रहा है, जिसमें बायोमीट्रिक डेटाबेस शामिल है। ट्रंप ने धोखाधड़ी, त्रुटियों या संदेह से रहित स्वतंत्र, निष्पक्ष और शुचितापूर्ण चुनाव की अपील की है।

    भारतीय चुनाव आयोग ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को ही दिया जा सकता है, लेकिन आधार किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है, न कि नागरिकता या मतदाता के रूप में नामांकित होने का अधिकार देता है।

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