Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NIH के डायरेक्टर बने डॉ. जय भट्टाचार्य, Covid-19 लॉकडाउन के विरोध से आए थे चर्चा में; अब मिली बड़ी जिम्मेदारी

    भारतीय मूल के प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य को अमेरिकी सीनेट ने NIH के निदेशक के रूप में मंजूरी दे दी है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ भट्टाचार्य कोविड-19 लॉकडाउन विरोधी और ग्रेट बैरिंगटन घोषणा के सह-लेखक हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें नामित किया था। वह सरकारी स्वास्थ्य नीतियों और बायोमेडिकल इनोवेशन पर शोध करते हैं। उनकी नियुक्ति स्वास्थ्य क्षेत्र में अहम बदलाव ला सकती है।

    By Jagran News Edited By: Chandan Kumar Updated: Wed, 26 Mar 2025 06:00 PM (IST)
    Hero Image
    डॉ. जय भट्टाचार्य - भारतीय मूल के NIH निदेशक, स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ और लॉकडाउन विरोधी विचारक।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार को भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सक और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के निदेशक के रूप में मंजूरी दे दी। NIH दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी फंडिंग वाली बायोमेडिकल अनुसंधान संस्था है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डॉ. जय भट्टाचार्य को अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के अधीन काम करना होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नवंबर महीने में स्वास्थ्य अर्थशास्त्री डॉ. जय भट्टाचार्य को देश के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान एवं वित्त पोषण संस्थान एनआईएच का नेतृत्व करने के लिए नामित किया था। हालांकि स्वास्थ्य विभाग में डोनाल्ड ट्रंप की ओर से की गई नियुक्ति को लेकर सवाल उठते रहे हैं।

    लॉकडाउन के विरोधी को तौर पर जाने जाते हैं डॉ भट्टाचार्य

    डॉ. जय भट्टाचार्य को लेकर कहा जाता है कि वह कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन लगाने के खिलाफ मुखर रहे हैं। वहीं अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर भी वैक्सीन के खिलाफ बोल चुके हैं। जय भट्टाचार्य 'ग्रेट बैरिंगटन घोषणा' के लेखक भी हैं। इसमें अक्टूबर 2020 में प्रस्तावित लॉकडाउन का एक विकल्प भी पेश किया गया है। अमेरिकी सीनेट की वेबसाइट के अनुसार, 119वीं कांग्रेस में रोल कॉल वोट के पहले सत्र के दौरान जय भट्टाचार्य ने 53-47 वोट से जीत हासिल की।

    जय भट्टाचार्य को लेकर क्या सोचते हैं डोनाल्ड ट्रंप?

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार, जय भट्टाचार्य और अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा सचिव रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर एनआईएच को "चिकित्सा अनुसंधान के स्वर्ण मानक" पर बहाल करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने भट्टाचार्य को नामित करने को लेकर नंवबर 2024 में लिखा था कि वह इस फैसले से "रोमांचित" हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर जय भट्टाचार्य देश के चिकित्सा अनुसंधान का निर्देशन करेंगे और अहम खोज करेंगे। इससे स्वास्थ्य में सुधार होगा और लोगों की जिंदगियां बचेंगी"

    कौन हैं जय भट्टाचार्य ?

    जय भट्टाचार्य स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर, नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में अनुसंधान एसोसिएट और स्टैनफोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च, स्टैनफोर्ड फ्रीमैन स्पोगली इंस्टीट्यूट और हूवर इंस्टीट्यूशन में वरिष्ठ फेलो हैं। वह स्टैनफोर्ड के जनसांख्यिकी एवं स्वास्थ्य एवं वृद्धावस्था अर्थशास्त्र केंद्र के निदेशक भी हैं और उनका शोध सरकारी कार्यक्रमों, जैव-चिकित्सा नवाचार और अर्थशास्त्र की भूमिका पर जोर देता है।

    डॉ. जय भट्टाचार्य ने छंटनी को लेकर क्या कहा?

    ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया है, जिसमें संघीय एजेंसियों के कई कर्मचारियों को नौकरी से मुक्त किया जा सकता है। डायरेक्टर बनने के बाद अपने पहले भाषण में डॉ जय भट्टाचार्य ने कहा कि NIH में और अधिक कर्मचारियों की संख्या कम करने का उनका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता भी है तो वह इस फैसले को लेने वाले अंतिम व्यक्ति नहीं होंगे।

    वहीं भट्टाचार्य के डायरेक्टर बनने से पहले NIH ने लगभग 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की, अनुदान गतिविधियों को रोक दिया और ओवरहेड लागतों के लिए विश्वविद्यालयों को मिलने वाले अनुसंधान वित्तपोषण की राशि को सीमित करने के लिए एक नीति लागू की है। 

    यह भी पढ़ें: अमेरिका में भारत की खुफिया एजेंसी RAW पर बैन लगाने की सिफारिश, अब डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी निगाहें