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    12 हजार साल पहले धरती से विलुप्त हुए थे Dire Wolf, अब फिर से लौटे; पढ़ें कैसे एक कंपनी ने किया चमत्कार

    यह विज्ञान का चमत्कार ही है कि 12 हजार साल पहले धरती से लुप्त हुआ डायर वुल्फ लौट आया है। यह पहली बार है जब किसी विलुप्त हुए जानवर को फिर से धरती पर लाया गया है। जेनेटिक इंजीनियरिंग कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेस ने डी-एक्सटिंक्शन टेक्नोलॉजीज (De-extinction technologies) की मदद से यह सफलता पाई है। इसके जरिए डायर वुल्फ के तीन शावकों का जन्म हुआ है।

    By Digital Desk Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 08 Apr 2025 12:44 PM (IST)
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    विलुप्त हुए Dire Wolf फिर लौटे (फोटो-सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के डलास शहर से एक दिलचस्प खबर सामने आई है। डलास स्थित बायोटेक फर्म कोलोसैल बायोसाइंसेज ने विलुप्त हुए जानवरों को लेकर एक जरूरी एलान किया है। कोलोसैल बायोसाइंसेज ने विलुप्त हो चुके जानवरों को फिर वापस लाने के अपने मिशन में सफलता हासिल की है।

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    ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने सोमवार को बताया कि उन्होंने तीन डायर वुल्फ (Dire Wolves) को फिर से जीवित किया है। डायर वुल्फ पॉपुलर सीरीज ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ में देखे गए थे, लेकिन पृथ्वी से इस प्रजाति को विलुफ्त हुए 12 हजार सालों से ज्यादा समय हो चुका है। कोलॉसल ने 2022 में उस समय सुर्खियां बटोरी थीं जब उसने विलुप्त हो चुके वूली मैमथ (woolly mammoth) को वापस लाने का लक्ष्य घोषित किया था। हालांकि तब तक कंपनी सिर्फ वूली चूहे (woolly mouse) को ही वापस लाने में सफल हो पाई थी।

    कैसे हुआ यह मुमकिन?

    कोलॉसल ने अपनी जीन एडिटिंग तकनीक को न सिर्फ प्राचीन जीवों को वापस लाने का जरिया बताया, बल्कि इसके जरिए स्वास्थ्य और जैव विविधता के क्षेत्र में लाभकारी उपयोगों को विकसित करने की संभावनाएं भी जताई हैं।

    कोलॉसल ने अपनी नई उपलब्धि के बारे में बताते हुए कहा, "इस तकनीक से डायर वुल्फ के तीन बच्चों का जन्म हुआ है, जिनमें दो नर, रेमस और रोमुलस हैं और खलीसी नाम की एक मादा वुल्फ है, जिनका वजन 80 पाउंड है।" आपको बता दें कि खलीसी नाम लोकप्रिय सीरीज ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ की एक किरदार पर रखा गया है।

    आम भेड़ियों से कितने अलग हैं डायर वुल्फ?

    डायर वुल्फ के इन बच्चों को अमेरिका की एक गुप्त लोकेशन पर रखा गया है। यह तीनों खाने में खास किबल (जानवरों के लिए बनाया खाना) के साथ गाय, हिरण और घोड़े का मांस खाते हैं। दोनों नर डायर वुल्फ, अपने सबसे करीबी जीवित रिश्तेदार, ग्रे वुल्फ के बच्चों से लगभग 20 से 25% बड़े हैं।

    कोलोसल का अनुमान है कि पूरी तरह से बड़े हो जाने पर इन डायर वुल्फ का वजन करीब 140 पाउंड तक पहुंच जाएगा। कोलोसल के सीईओ बेन लैम ने कहा, 'अगर हम सफल होते हैं, तो हम ऐसी तकनीके बना सकेंगे जो मानव स्वास्थ्य और संरक्षण में भी मदद कर सकेगी।'

    क्या विलुप्त हुए दूसरे जानवर भी आएंगे वापस?

    कंपनी का उद्देश्य लंबे समय से विलुप्त हो चुके जानवरों- जैसे डोडो और तस्मानियाई टाइगर को वापस लाना है, जो कि कई पैलियो-जेनेटिसिस्ट्स (paleo-geneticists) के बीच संदेह का कारण बना हुआ है। साथ ही, प्राकृतिक दुनिया से इस तरह की छेड़छाड़ को लेकर नैतिक सवाल भी उठ रहे हैं। बावजूद इसके, निवेशकों का उत्साह कम नहीं हुआ है। मोटिवेशनल स्पीकर टोनी रॉबिंस और पेरिस हिल्टन जैसे नाम पहले ही कोलॉसल (Colossal) की दो स्पिनऑफ कंपनियों से इक्विटी के रूप में रिटर्न पाने लगे हैं।

    कोलॉसल का दावा है कि वो अब तक रेड वुल्फ (लाल भेड़िए) के भी दो लिटर को क्लोनिंग के जरिए जन्म देने में सफल हुआ है- जो दुनिया के सबसे लुप्तप्राय भेड़ियों में से एक माने जाते हैं।

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