अमेरिकी विश्वविद्यालयों से निकाले जा सकते हैं चीनी विद्यार्थी
बीजिंग-वाशिंगटन के बीच बढ़े तनाव का अगला निशाना अमेरिका में पढ़ने वाले चीनी विद्यार्थी होंगे।
वाशिंगटन, एपी। कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी, ह्यूमन राइट्स, हांगकांग के स्टेटस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव का असर अब अमेरिका में पढ़ने वाले चीनी मूल के विद्यार्थियों पर होगा। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ट्रंप प्रशासन का अगला निशाना यही चीनी विद्यार्थी होंगे। इन्हें अब यहां के यूनिवर्सिटी से निकाल दिया जाएगा।
दरअसल, ट्रंप प्रशासन हजारों चीनी ग्रेजुएट विद्यार्थियों व शोधकर्ताओं की वीजा को रद करने की योजना बना रहा है जो सीधे तौर पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से संबंद्ध विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं।
चीन द्वारा हांगकांग में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने को लेकर अमेरिका में चीन को दंडित करने की मांग इस सप्ताह की शुरुआत में ही विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने की थी। अमेरिका द्वारा वीजा रद किए जाने से यहां पढ़ने वाले करीब 3 लाख 60 हजार चीनी छात्रों में से कम से कम 3,000 प्रभावित हो सकते हैं।
अमेरिका और यहां के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विदेशी विद्यार्थियों में सबसे अधिक चीनी विद्यार्थी ही हैं। द टाइम्स के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन के इस कदम का चीनी विद्यार्थी विरोध करेंगे। चार प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महीनों पुराने चीनी विद्यार्थियों के वीजा रद करने से जुड़े प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। इस प्रस्ताव में चीनी खुफिया सर्विस या पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़े शिक्षा संस्थानों के जो विद्यार्थी अमेरिका में हैं उनका वीजा रद करने को लेकर विचार कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि ट्रंप ने अभी इस मामले पर कोई आदेश जारी नहीं किया है लेकिन जल्द ही वे कुछ इस तरह का फैसला ले सकते हैं।
कोविड-19 के कारण वैश्विक मंच पर चीन अलग-थलग हो गया है। दुनिया के तमाम देशों का आरोप है कि चीन ने महामारी से निपटने में समझदारी से काम नहीं लिया और पूरी दुनिया इसके चपेट में आ गई है।