Green Card Bill: अमेरिकी सीनेट में ग्रीन कार्ड संशोधन बिल पेश, भारत समेत 80 लाख प्रवासी कर रहे इंतजार
आप्रवासन नवीनीकरण विधेयक को बुधवार को डेमोक्रेट सीनेटर एलेक्स पाडिला (Alex Padilla) ने पेश किया। बिल पेश करने वाले अन्य तीन सीनेटरों में एलिजाबेथ वारेन ( Elizabeth Warren ) बेन रे लुजैन (Ben Ray Lujan) और डिक डर्बिन (Dick Durbin ) शामिल हैं।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी सीनेट में चार वरिष्ठ डेमोक्रेट सीनेटरों ने बुधवार को ग्रीन कार्ड वीजा को लेकर आव्रजन कानून नवीनीकरण विधेयक पेश किया है। इसके कानूनी रूप धारण करने पर भारत समेत 80 लाख प्रवासियों के ग्रीन कार्ड पाने का सपना पूरा हो सकेगा, जिसमें एच-1बी वीजा व लंबी अवधि वीजा धारक शामिल हैं। प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, कम से कम सात वर्ष से अमेरिका में लगातार रह रहे प्रवासियों को आवेदन करने पर स्थायी निवास का अधिकार मिल सकेगा।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी हो रहा असर
आप्रवासन नवीनीकरण विधेयक को बुधवार को डेमोक्रेट सीनेटर एलेक्स पाडिला (Alex Padilla) ने पेश किया। बिल पेश करने वाले अन्य तीन सीनेटरों में एलिजाबेथ वारेन ( Elizabeth Warren ) , बेन रे लुजैन (Ben Ray Lujan) और डिक डर्बिन (Dick Durbin ) शामिल हैं। संशोधन विधेयक पेश करते हुए पाडिला ने कहा कि हमारे पुराने आप्रवासन कानून से अनगिनत प्रवासियों को असुविधा हो रही है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है।
ग्रीन कार्ड से मिलता है स्थायी निवास का अधिकार
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारक को स्थायी निवास का अधिकार मिल जाता है। यहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रोफेशनल व अन्य लोग ग्रीन कार्ड की बाट जोह रहे हैं। ग्रीन कार्ड के नियमों में 1986 में अंतिम बार संशोधन हुआ था तब से इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है।
पर्मानेंट रेजिडेंट कार्ड होता है अमेरिकी ग्रीन कार्ड
अमेरिका में ग्रीन कार्ड मिलना यानि स्थानीय निवासी होने का प्रमाणपत्र। इसे आधिकारिक रूप से पर्मानेंट रेजिडेंट कार्ड भी कहते हैं। जिन आव्रजकों को अमेरिका में स्थायी तौर पर रहने का विशेष अधिकार मिलता है उन्हें ही यह कार्ड/दस्तावेज दिया जाता है।
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