Armenia Azerbaijan Clashes: दुनिया में एक और मोर्चे पर युद्ध के आसार; आर्मेनिया ने जताई आशंका, विश्व शक्तियों से की अपील
दुनिया के एक और मोर्चे पर युद्ध की आशंकाएं गहरा गई हैं। बुधवार को अजरबैजान एवं आर्मेनिया फिर से टकरा गए जिसमें अब तक लगभग 50 अर्मेनियाई सैनिक मारे गए हैं। आर्मेनिया ने युद्ध की आशंंका जतलाई है।

येरेवान, रायटर। घातक गोलाबारी में गत दिनों करीब 100 सैनिकों के मारे जाने और भारत समेत विश्वभर से शांति बनाए रखने की अपील के बीच बुधवार को अजरबैजान व आर्मेनिया फिर से टकरा गए। संघर्ष की इन घटनाओं से सोवियत गणराज्य का हिस्सा रहे दो और देशों के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका गहरा गई है। आर्मेनिया ने बुधवार को कहा कि अजरबैजान के साथ छिड़ा यह संघर्ष युद्ध में तब्दील हो सकता है। आर्मेनियां ने महाशक्तियों इस ओर ध्यान देने का आह्वान किया।
क्षेत्र में नाजुक हालात
समाचार एजेंसी रायटर को दिए एक साक्षात्कार में अर्मेनियाई उप विदेश मंत्री परुइर होवननिस्यान (Armenian Deputy Foreign Minister, Paruyr Hovhannisyan) ने कहा कि अब तक लगभग 50 अर्मेनियाई सैनिक मारे गए हैं जबकि तीन नागरिक घायल हुए हैं। क्षेत्र में स्थिति बेहद नाजुक है। क्या यह टकराव युद्ध में तब्दील हो सकता है, इसके जोखिमों के बारे में पूछे जाने पर होवननिस्यान ने कहा- युद्ध का जोखिम साफ नजर आ रहा है।
अजरबैजान पर गोलाबारी शुरू करने का आरोप
रूस व यूक्रेन के बीच छह महीने से अधिक समय से युद्ध जारी है। आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने अजरबैजान पर फिर से गोलाबारी शुरू करने का आरोप लगाया है। अजरबैजन को तुर्किये (तुर्की) का सैन्य व राजनीतिक समर्थन प्राप्त है। दूसरी तरफ, अजरबैजान ने आर्मेनिया पर अपनी सैन्य इकाइयों पर गोलाबारी व मोर्टार दागने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि इन हमलों में उसके दो नागरिक घायल हुए हैं।
मध्य रात्रि के बाद भीषण गोलाबारी
अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'हमारे सैन्य ठिकानों पर हमले हो रहे हैं, जिसका समुचित जवाब दिया जा रहा है।' दोनों देशों के बीच सोमवार मध्य रात्रि के बाद भीषण गोलाबारी शुरू हो गई थी, जिसमें आर्मेनिया के कम से कम 49 व अजरबैजान के 50 सैनिक मारे गए थे।
रातभर गोलाबारी
आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अजरबैजान के सैनिक उसके जर्मक शहर के करीब तक पहुंच गए थे और आसपास के क्षेत्रों पर रातभर गोलाबारी करते रहे। उसने अजरबैजान की सैन्य चौकियों पर हमले से इन्कार करते हुए बताया कि दोपहर बाद गोलाबारी में कमी आई है। अजरबैजान का आरोप है कि आर्मेनियाई सेना ने नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र के कलबजार व लाचिन जिलों में स्थित उसकी चौकियों पर गोलाबारी की।
दशकों से जारी है तनाव
उल्लेखनीय है कि अजरबैजान व आर्मेनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है। नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन वर्ष 1994 में एक अलगाववादी युद्ध की समाप्ति के बाद से आर्मेनिया द्वारा समर्थित बलों के नियंत्रण में आ गया। वर्ष 2020 में छह हफ्ते तक चले युद्ध में अजरबैजान ने नागोर्नो-काराबाख के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध में 6,600 से अधिक लोग मारे गए थे।
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