बग्गी से हाईटेक गाड़ी तक... कैसे बदला अमेरिकी राष्ट्रपति के सफर का तरीका; पढ़ें कितनी शानदार है 'The Beast'
अमेरिकी राष्ट्रपति जिस कार द बीस्ट का इस्तेमाल करते हैं वो कोई आम कार नहीं है। ये दुनिया की सबसे एडवांस और सबसे सेफ कार है जिसकी कीमत 15.8 बिलियन डॉलर है। 20वीं सदी के पहले तक घोड़े से खींचे जाने वाली बग्गी का इस्तेमाल होता था। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के सबसे ताकतवर व्यक्ति के लिए कस्टम कार की जरूरत महसूस हुई। पढ़िए...

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप आज अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। वे अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया भर की कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप जिस कार से चलेंगे, वह कोई सामान्य कार नहीं होगी। अमेरिका के लगभग सभी राष्ट्रपतियों ने अलग-अलग मौके पर अपनी कार को अपग्रेड किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति की कार को लेटेस्ट मॉडल सितंबर 2018 में अपग्रेड कर बनाया गया था। इसका निकनेम 'द बीस्ट' है। गौर करने वाली बात ये है कि उस वक्त भी ट्रंप ही राष्ट्रपति थे। ट्रंप के बाद जो बाइडन ने इस कार में कोई अपग्रेडेशन नहीं किया।
कितनी खास है ये कार?
18 फीट लंबी इस सेडान कार को जनरल मोटर्स के ब्रांड कैडिलैक ने बनाया है। इसकी कीमत 15.8 बिलियन डॉलर है, यानी भारतीय रुपये में करीब 136 करोड़ रुपये। इसका वजन लगभग 9100 किलो है। कहते हैं कि इसे जीएमसी टॉपकिक प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, जिसे ज्यादातर मीडियम ड्यूटी ट्रक के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
'द बीस्ट' में नाइट विजन डिवाइस, स्मोक स्क्रीन सिस्टम लगा हुआ है। यह कार केमिकल अटैक के वक्त भी सुरक्षित रहती है। इमरजेंसी के लिए इसमें राष्ट्रपति के लिए खून भी स्टोर कर रखा जाता है।
और भी कई हैं फीचर्स
- इस कार का बाहरी आवरण एल्युमिनियम, सिरामिक और स्टील से बनाया गया है। इसकी बाहरी सतह की मोटाई 8 इंच है। शीशे कई परतों वाले और 5 इंच मोटे हैं। जबरन खोले जाने की स्थिति में दरवाजे अपने आप इलेक्ट्रिक लॉक हो जाते हैं। हर दरवाजे का वजन बोइंग 757 के दरवाजे के वजन जितना है।
- यह शॉटगन, रॉकेट पावर ग्रेनेड और टियर गैस ग्रेनेड से लैस है। केवलर रिइंफोर्स्ड और स्टील रीम से बने इसके टायर पंक्चर प्रूफ हैं। टायर फटने की स्थिति में भी ये कार आसानी से चल सकती है। राष्ट्रपति की सीट पर एक सैटेलाइट फोन होता है, जिसकी डायरेक्ट लाइन वाइस प्रेसिडेंट और पेंटागन से कनेक्ट होती है।
- गाड़ी की बूट में फायर फाइटिंग सिस्टम होता है। इसमें केमिकल अटैक की स्थिति के लिए ऑक्सीजन सिस्टम, टियर गैस और स्मोक स्क्रीन डिस्पेंसर भी होता है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रपति की कार के कई फीचर्स सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आ पाते।
लेकिन ऐसा नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति हमेशा से ऐसी आधुनिक कारों से चलते थे...
जब बग्गी से चलते थे राष्ट्रपति
20वीं सदी की शुरुआत से पहले तक तो अमेरिका में राष्ट्रपति घोड़े से खींचे जाने वाली बग्गी से चलते थे। 1897 से 1901 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे विलियम मैकिनले ने पहली बार कार का इस्तेमाल किया।
(फोटो: अमेरिकी संसद की लाइब्रेरी)
1901 में उनकी हत्या कर दी गई और नये राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने पहली बार सरकारी स्वामित्व वाली कार को शामिल किया। 1933 में डेमोक्रेटिक पार्टी के फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति बने।
राष्ट्रपति की पहली कस्टम कार
फ्रैंकलिन शुरुआत में तो पैकर्ड टूरिंग लिमो का ही इस्तेमाल करते थे, लेकिन 1939 में उन्होंने लिनकॉन में अपग्रेड कर लिया। ये किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की पहली कस्टम कार थी, जिसे केवल राष्ट्रपति के लिए डिजाइन और तैयार किया गया था।
(फोटो: फ्रैंकलिन रूजवेल्ट लाइब्रेरी)
इस कार में सीक्रेट सर्विस एजेंट के खड़े होने के लिए जगह थी और इसके दरवाजे पीछे की तरफ खुलते थे, जिससे पोलियोग्रस्त फैंकलिन आसानी से बैठ और निकल सकते थे। इसे 'सनशाइन स्पेशल' नाम दिया गया था। उस वक्त इसकी कीमत 8350 डॉलर थी।
जब बदल गया सब कुछ
- पर्ल हार्बर की घटना के बाद इस कार को अपग्रेड कर बुलेट-प्रूफ शीशे और स्टील का आवरण लगाया गया। 1950 तक यही कार इस्तेमाल होती रही। जॉन एफ कैनेडी जब अमेरिका के राष्ट्रपति बने, तब उन्होंने अपनी लिमो में हाइड्रोलिक सीट लगवाई, जिससे व्यू बेहतर दिखे।
- ये वो दौर था, जब सुरक्षा से ज्यादा सुविधा के लिए कार अपग्रेड की जा रही थी। लेकिन कैनेडी की हत्या के बाद सब कुछ बदल गया। अब प्रेसिडेंट की कार में सेफ्टी को तरजीह दी जाने लगी। कैनेडी की लिमो में स्टील की छत, बुलेट प्रूफ शीशे और मेटल की बॉडी लगाई गई। कुछ अन्य सिक्योरिटी फीचर्स भी जोड़े गए।
- 1981 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन पर हमले की कोशिश में कार का दरवाजा डैमेज हो गया। इसेक रिपेयर किया गया और 1992 तक फिर इसके इस्तेमाल किया गया। तब तक कार में 214 हॉर्सपावर का इंजन, सनरूफ, कम्युनिकेशन सिस्टम और कार के अंदर राष्ट्रपति ठीक से दिखें, इसके लिए लाइट की व्यवस्था कर दी गई थी।
बुश और ओबामा की कस्टम कार
1989 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश अमेरिका के राष्ट्रपति बने। तब 22 फीट लंबी, मॉडिफाइड लिनकॉन टाउन कार तैयार करवाई गई, जिसे बनाने में 3 साल का वक्त लगा और कीमत 6 लाख डॉलर आई। बुश दोबारा सत्ता में आए, तो उन्होंने कैडिलैक डीटीएस का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
(फोटो: यूएस सीक्रेट सर्विस)
ये कार पहले से ज्यादा लंबी, चौड़ी, ऊंची और सुरक्षा फीचर्स से लैस थी। 2009 में बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बने। उनके शपथ ग्रहण के 2 साल पहले से ज्यादा बेहतर कार कस्टमाइज की जा रही थी। इसके पहिए 19.5 इंच के थे और इसमें 5 लोग बैठ सकते थे। इसे सीक्रेट सर्विस ने अपने स्पेसिफिकेशन के आधार पर बनवाया था।
2018 में कैडिलैक डीटीएस को कैडिलैक एक्सटी 6 ने रिप्लेस कर दिया। इस वक्त डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे। नई कार में 7 लोगों के बैठने के लिए जगह थी। इसे बनाने में 1.5 मिलियन डॉलर का खर्च आया था। इसे दुनिया की सबसे एडवांस तकनीक और सुरक्षा वाली कार कहा जाता है। यही कार आज तक अमेरिकी राष्ट्रपति इस्तेमाल कर रहे हैं।
Source:
- अमेरिकी सीक्रेट सर्विस:
- https://www.secretservice.gov/about/history/transportation
- अमेरिकी संसद की लाइब्रेरी:
- https://www.congress.gov/
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