H-1B वीजा पर US में बवाल क्यों? ट्रंप ने भारतीयों को हटाया तो 2031 तक अमेरिका गिनता रह जाएगा नुकसान
अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों के बीच H-1B वीजा को लेकर चिंता है। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। वह शुरू से ही H-1B वीजा के आलोचक रहे हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी H-1B वीजा पर कड़ाई की गई थी जिससे रिजेक्शन रेट काफी बढ़ गया था। लेकिन H-1B वीजा वास्तव में अमेरिका के लिए ही जरूरी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुरू से ही H-1B वीजा के आलोचक रहे हैं। यही वजह है कि जब उन्होंने कुछ दिन पहले इस प्रोग्राम के पक्ष में बात रखी, तो उनके ही समर्थक भड़क गए।
भले ही डोनाल्ड ट्रंप चुनावी कैम्पेन में अमेरिका में रह रहे प्रवासियों का मुद्दा उठाते रहे हों, लेकिन उन्हें भी पता है कि अगर H-1B वीजा में कटौती की गई, तो इसका नुकसान अमेरिका की इकॉनमी को उठाना पड़ेगा। अरबपति एलन मस्क ने भी कहा था कि H-1B से दुनिया के टॉप 0.1 फीसदी इंजीनियरिंग टैलेंट अमेरिका आ पाते हैं।
H-1B वीजा किस लिए?
यहां दो सवाल आपके मन में आ सकते हैं। पहला तो ये है कि H-1B वीजा पर आखिर इतना बवाल क्यों है और दूसरा ये कि ट्रंप के रुख से भारतीय ज्यादा परेशान क्यों हैं? एक शब्द में अगर इसका जवाब दिया जाए, तो वो है- नौकरी।
H-1B वीजा उन लोगों को दिया जाता है, जो दूसरे देशों से आकर अमेरिका में काम करना चाहते हैं। ये वीजा शुरुआत में 3 साल के लिए ही दिया जाता है, लेकिन इसकी वैलिडिटी 6 साल तक बढ़ाई जा सकती है।
भारतीयों पर ज्यादा संकट
H-1B वीजा का सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को होता है। अगर ताजा आंकड़ों को देखें, तो H-1B वीजा में सबसे बड़ी तादाद भारतीयों की थी। करीब 72 फीसदी H-1B वीजा भारतीयों को मिले थे, जबकि चीनी नागरिकों को 12 फीसदी वीजा मिले।
इसके अलावा लिस्ट में तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर फिलीपींस, कनाडा और दक्षिण कोरिया आते हैं। लेकिन इनका हिस्सा महज एक-एक फीसदी है। जाहिर है कि अगर ट्रंप 2.0 में H-1B वीजा में कटौती की गई, तो भारतीय प्रवासियों पर सबसे ज्यादा संकट होगा।
अमेरिका में टैलेंट मतलब H-1B वीजा
- यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटिस्टिक्स के मुताबिक, अगर H-1B वीजा में कटौती की गई, तो अमेरिका में 2026 तक करीब 12 लाख टेक वर्कर्स की कमी हो जाएगी।
- इसका सबसे ज्यादा असर एआई, ऑटोमेशन, क्लाउड सर्विस, डाटा एनालिटिक्स और सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पर पड़ेगा।
- टेक जॉब्स में रिप्लेसमेंट रेट औसत 6 फीसदी रहने का अनुमान है, जिससे हर साल 3.5 लाख वर्कर्स की जरूरत पड़ेगी।
- 2031 तक कंप्यूटर साइंस प्रोफेशनल की डिमांड बढ़कर सालाना 4.49 लाख हो जाएगी।
- हर साल कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई केवल 2.79 लाख लोग पूरी करते हैं। इसका मतलब हर साल 1.7 लाख वर्कर्स की कमी होगी। ये कमी विदेशी वर्कर्स से ही पूरी हो सकती है।
अमेरिका को और क्या नुकसान?
H-1B वीजा में कमी करने से अमेरिका के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी नुकसान पहुंचेगा। 2033 तक इस सेक्टर में 19 लाख पद खाली रह जाएंगे। 2033 तक मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर को 38 लाख नये कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी।
टेक डिग्री होल्डर्स की कमी, पुराने लोगों के रिटायर होने और बर्थ रेट कम होने से लेबर की शॉर्टेज हो जाएगी। 2019 के बाद से प्रवासी और विदेशी नागरिक अमेरिका के लेबर फोर्स के अहम हिस्सेदार हैं।
अमेरिका में स्किल की बेहद कमी
अमेरिका के 66 से 90 फीसदी एम्प्लॉयर मानते हैं कि उन्हें जरूरी स्किल वाले कर्मचारी को खोजने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। भारतीयों समेत सभी दूसरे मूल के प्रवासी अमेरिका की इसी जरूरत को पूरा करते हैं।
विशेषज्ञों का भी मानना है कि अगर H-1B वीजा में किसी तरह की कमी की गई, तो खुद अमेरिका के लिए काफी बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
अमेरिका में H-1B वीजा का विरोध क्यों?
दरअसल नौकरी सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के किसी भी देश के लिए काफी ज्वलंत मुद्दा है। कुछ अमेरिकियों को लगता है कि H-1B वीजा के जरिए प्रवासी अमेरिका में आकर उनकी नौकरी छीन ले रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी H-1B वीजा पर सख्ती की गई थी। उस वक्त रिजेक्शन रेट 24 फीसदी तक पहुंच गया था। जबकि बराक ओबामा के कार्यकाल में यह 5-8 फीसदी और बाइडन के दौर में दो से चार फीसदी रह गया था।
Source:
- U.S. Citizenship and Immigration Services (नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएं):
- https://www.uscis.gov/working-in-the-united-states/h-1b-specialty-occupations
- U.S. Department of Labor (अमेरिकी श्रम विभाग):
- https://www.dol.gov/agencies/whd/immigration/h1b
- Oxford Economics Industry-specific Forecasting Services:
- https://www.oxfordeconomics.com/
- Deloitte India
- https://www2.deloitte.com/in/en.html
यह भी पढ़ें: H-1B visa की शुरुआत कब हुई और अमेरिका जाने में ये कैसे उपयोगी है, जानिए सबकुछ...
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।