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    'भारत-पाक युद्ध में नहीं फंसेगा अमेरिका...', अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का बड़ा बयान

    Updated: Fri, 09 May 2025 11:22 AM (IST)

    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अमेरिकी राष्ट्रपति जेडी वेंस का बयान सामने आया है। जेडी वेंस ने दोनों देशों के बीच में पड़ने से साफ इनकार कर दिया है। जेडी वेंस का कहना है कि अमेरिका की मंशा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में फंसने का नहीं है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी भारत-पाक विवाद में पड़ने से मना कर चुके हैं।

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    अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस। फाइल फोटो

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। एक तरफ जहां पाकिस्तान के साथ भारत का सैन्य तनाव बढ़ता जा रहा वहीं भारत के सबसे बड़े रणनीतिक साझेदार अमेरिका का रवैया तटस्थता का दिख रहा है। अमेरिका पहलगाम हमले की निंदा कर रहा है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की भी बात कर रहा है लेकिन उसका ज्यादा जोर दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत शुरू कराने को लेकर है।

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    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर विदेश सचिव मार्को रुबियो तक यह संकेत दे रहे हैं कि भारत व पाकिस्तान के साथ अमेरिका के एक जैसे संबंध हैं। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने शुक्रवार को साफ तौर कह दिया कि अमेरिका की मंशा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में फंसने का नहीं है।

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    हमारा कोई लेना देना नहीं: जेडी वेंस

    जेडी वेंस ने एक मीडिया चैनल को दिए गए साक्षात्कार में कहा है कि, "हम इन लोगों (पाक व भारत) को इस बात के लिए उत्साहित कर रहे हैं कि तनाव थोड़ा कम करें, लेकिन हम इनके बीच युद्ध में फंसने नहीं जा रहे क्योंकि मूल तौर पर यह इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है और ना ही इसका अमेरिका की इस क्षमता से लेना देना है कि वह इनको नियंत्रित कर सकता है या नहीं।"

    जेडी वेंस का बयान

    जेडी वेंस ने साफ किया कि, "अमेरिका भारत को नहीं कह सकता कि वह हथियार रख दे। हम पाकिस्तानियों को नहीं कह सकते कि वह हथियार छोड़ दे। इसिलए हम कूटनीतिक जरिए ही अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह तनाव किसी व्यापक युद्ध में तब्दील ना हो और भगवान ना करे कि परमाणु युद्ध हो। फिलहाल, हमें इसकी उम्मीद नहीं है।"

    अमेरिका का पक्ष साफ

    बता दें कि जेडी वेंस पिछले महीने जब भारत दौरे पर आए थे तभी पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर आतंकियों का हमला हुआ था। उन्होंने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी। वेंस भी ट्रंप की तरह दूसरे देशों की लड़ाई में अमेरिका के शामिल नहीं होने के पक्षधर हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी गुरुवार को जो बयान दिया उससे यह संकेत मिलता है कि मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति में अमेरिका भारत व पाकिस्तान को एक ही तराजू पर तौलने की कोशिश कर रहा है।

    ट्रंप का बयान

    डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान पर बात करते हुए कहा था कि, "अमेरिका के पाकिस्तान व भारत दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। मैं दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और मैं चाहूता हूं कि वो आपस में काम करें। मैं चाहता हूं कि यह (तनाव) खत्म हो। अगर मैं कुछ कर सकता हूं तो निश्चित तौर पर करूंगा।"

    मार्को रुबियो ने क्या कहा?

    इसके बाद अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और देर शाम पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ से बात की। सीमा पार आतंकवाद को उन्होंने खत्म करने की अपील की लेकिन साथ ही पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच कराने की पाकिस्तान की मांग का समर्थन भी किया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ताओं ने भी प्रेस कांफ्रेंस में उक्त हमले की निष्पक्ष जांच कराने की बात की है। भारत इस मांग को खारिज कर चुका है।

    विक्रम मिसरी ने दिया था जवाब

    भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक दिन पहले भी कहा है कि जांच कराने की मांग पाकिस्तान की पुरानी चाल है। इस तरह की जांच भारत ने पहले पाकिस्तान के साथ मिल कराई है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। पाकिस्तान इसकी आड़ में अपने आतंकियों को ही बचाने की कोशिश करता है।

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