US: अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है अमेरिका, 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक की दी सहायता
संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक भागीदार के रूप में कार्य कर रही है। वह कई तरीकों से उनका समर्थन करती है। अमेरिका ने अफगानिस्तान को 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता भी प्रदान की है। ( फाइल फोटो)

वॉशिंगटन, एएनआई। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका अफगानिस्तान का समर्थक है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस में बुधवार को प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक भागीदार है। वह कई तरीकों से उनका समर्थन करती है।
अफगानिस्तान को मिली 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता
प्राइस ने कहा कि अमेरिका ने अपने मानवीय प्रयासों में अपने नेतृत्व के माध्यम से अफगानिस्तान के लोगों की मदद की है। तो वहीं अमेरिका ने अफगानिस्तान को 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता भी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को इतनी सहायता देना यह स्पष्ट करता है कि अमेरिका तालिबान को दरकिनार कर रही है। नेड प्राइस ने कहा कि हमने बहुत ही स्पष्ट निर्णय लिया है कि हमारी कि सरकार अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक भागीदार के रूप में कार्य करेगी।
तालिबान को दरकिनार कर रहा है अमेरिका
अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों का संपूर्ण समर्थन कर रही है। नेड प्राइस ने कहा कि हम अफगानिस्तान की सहायता करने के लिए हर प्रयास कर रहे हैं। नेड प्राइस ने कहा कि अफगान के लोगों को एक तरह से 1.1 मिलियन से अधिक की सहायता प्रदान करना तालिबान को दरकिनार करता है। यह मदद स्पष्ट रूप से अफगान के लोगों के लिए ही है।
अफगान महिलाओं के लिए आवाज उठाता रहा है अमेरिका
विदेश विभाग की प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका लगातार अफगान लोगों और उनके अधिकारों के साथ-साथ अफगानिस्तान महिलाओं के लिए भी आवाज उठाता रहा है। सोमवार को अमेरिका ने कहा था कि वह तालिबान के साथ अफगानिस्तान में होने वाले क्रूर शासन और मानव अधिकारों के उल्लंघन के संदर्भ में तालिबान से बातचीत कर रहा है।
अमेरिका अफगान के लिए बना है अग्रणी मानवीय प्रदाता
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों के लिए दुनिया का अग्रणी मानवीय प्रदाता बना हुआ है। तो वहीं उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका तालिबान के लोगों को कोई भी सहायता प्रदान नहीं कर रहा है। पत्रकारों ने नेड प्राइस पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ की किताब के बारे में भी सवाल किया। जिस पर प्राइस ने जवाब दिया कि वह एक निजी नागरिक के रूप में अपने अधिकार के रूप में केवल विचार व्यक्त कर रहे हैं।
"दुनिया को भारत- पाक के बीच की स्थिति की नहीं है जानकारी"
पॉम्पिओ ने अपनी पुस्तक नेवर गिव इन इंच फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव में यह भी नोट किया है कि कैसे भारत और पाकिस्तान 2018 में परमाणु युद्ध के कगार पर थे। दोनों देशों के बीच इस स्थिति को कम करने के लिए अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा था। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने दावा किया कि दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति की जानकारी नहीं है।
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