West Bengal: मालदा में हिंसा के बाद इंटरनेट बंद, BSF ने संभाला मोर्चा; अब तक 34 लोग गिरफ्तार
हिंसा के बाद जिले के तीन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। मालदा के पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार यादव के अनुसार अब तक 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक राजेश यादव ने बताया कि राज्य सशस्त्र पुलिस और आरएएफ की तीन कंपनियां कालियाचक ब्लॉक के संवेदनशील इलाकों में निगरानी रख रही हैं। बीएसएफ की टुकड़ियां गश्त कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, मालदा। बंगाल के मालदा जिले में लगातार दूसरे दिन हिंसा के बाद बीएसएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। हिंसाग्रस्त विभिन्न इलाकों में भारी संख्या में केंद्रीय बल के जवानों की तैनाती की गई है। विभिन्न स्थानों पर बीएसएफ की टुकड़ियां गश्त कर रही हैं।
मोथाबाड़ी में सांप्रदायिक हिंसा की आग जिले में अन्य स्थानों पर पहुंचने लगी है। शुक्रवार को यहां हिंसा उस समय भड़क गई जब एक दिन पहले हुई हिंसा के विरोध में दूसरे पक्ष के लोगों ने प्रदर्शन शुरू किया।
34 लोगों की हुई गिरफ्तारी
गुरुवार को दंगाईयों ने कई हिंदुओं की दुकानों और घरों को निशाना बनाया था। पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई थी। इसी के विरोध में जिले के इंग्लिश बाजार थाना इलाके के बांधापुकुर मोड़ पर काफी संख्या में लोग पहुंचे और सड़क जाम कर दिया।
पुलिस ने सड़क जाम हटाने की कोशिश की, तो उनपर हमला कर दिया गया। पुलिस की गाडि़यों में तोड़फोड़ की गई। पत्थरबाजी भी की गई। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले भी दागे। उसके बाद स्थिति को नियंत्रित किया जा सका।
जिले के तीन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। मालदा के पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार यादव के अनुसार अब तक 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना में 6 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 5 स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किए गए हैं।
भाजपा ने टीएमसी को घेरा
- कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को 3 अप्रैल तक हिंसा पर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि मामले से जुड़ी संवेदनशीलता को देखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि राज्य को सावधानी से काम करना चाहिए और ऐसी हिंसा से प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
- वरिष्ठ भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, 'ममता बनर्जी का प्रशासन प्रभावित हिंदू दुकानदारों और उनके परिवारों को उनके नुकसान का आकलन करने और उनकी मदद करने से क्यों रोक रहा है? इलाके में भारतीय दंड संहिता की धारा 163 क्यों लगाई गई है?'
पुलिस बल कर रहा गश्त
पुलिस महानिरीक्षक राजेश यादव ने बताया कि राज्य सशस्त्र पुलिस और आरएएफ की तीन कंपनियां कालियाचक ब्लॉक के संवेदनशील इलाकों में निगरानी रख रही हैं। बताया गया कि किसी भी अप्रिय स्थिति का तुरंत जवाब देने के लिए मोबाइल इकाइयां सक्रिय हैं, साथ ही पुलिस की मौजूदगी को मजबूत करने के लिए बलों को तैनात किया गया है।
राज्य मंत्री और स्थानीय टीएमसी विधायक सबीना यास्मिन ने कहा, 'हमने समुदायों और समूहों के बीच शांति बैठक का समापन किया है। बैठक बहुत सकारात्मक रही। हमें विश्वास है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।'
यह भी पढ़ें: बंगाल में सांप्रदायिक तनाव के बाद हिंसा, हिंदुओं की दुकानों और घरों को बनाया निशाना
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।