कौन हैं Kabita Sarkar, जो कोलकाता डॉक्टर दुष्कर्म केस के आरोपी संजय रॉय का लड़ेंगी केस? वकील ने बताए अपने विचार
कोलकाता डॉक्टर दुष्कर्म और मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय सीबीआई की हिरासत में है एजेंसी उससे पूछताछ कर रही है। कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी तरफ से बवाच करने के लिए कोई वकील तैयार नहीं हुआ। ऐसे समय में सियालदह कोर्ट ने महिला वकील कबिता सरकार को आरोपी संजय के केस लड़ने के लिए नियुक्त किया है। अब कबिता संजय की तरफ से कोर्ट में दलीलें देंगी।

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के आरोपी आरोपी संजय रॉय से पूछताछ जारी है। संजय रॉय के बचाव के लिए सियालदह कोर्ट ने महिला वकील कबिता सरकार को नियुक्त किया है।
अब 25 साल के अनुभव वाली वकील 52 साल की वकील कबिता सरकार अपने करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों में से एक से निपटेंगी। दरअसल, कबिता सरकार की कोर्ट द्वारा नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब किसी भी वकील ने आरोपी संजय की तरफ से केस लड़ने से मना कर दिया।
आइए जानते हैं कि 'लीगल एड डिफेंस काउंसिल' की सदस्य कबिता कौन हैं, उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई कहां से की है और वह अपने करियर में कैसे आगे बढ़ीं।
आर्थिक स्थिति खराब होने पर 'लीगल एड'
बताते चलें कि 'लीगल एड' उन लोगों को दिया जाता है, जिनकी आर्थिक स्थिति खराब होती है या जिनके केस लड़ने के लिए कोई वकील तैयार नहीं होता है।
अलीपुर कोर्ट से अपना कानूनी करियर शुरुआत
कबिता सरकार ने हुगली मोहसिन कॉलेज से कानून में ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने अलीपुर कोर्ट से अपना कानूनी करियर शुरू किया, जहां उन्होंने सिविल मामलों में केस लड़े।
जून 2023 में सियालदह कोर्ट आईं सरकार
करियर में आगे बढ़ते हुए उन्होंने बाद में अपना ध्यान आपराधिक कानून पर लगाया। कबिता दक्षिण एशियाई कानूनी सेवा संघ (SALSA) में शामिल हुईं और जून 2023 में वह सियालदह कोर्ट चली आईं।
हर व्यक्ति को निष्पक्ष ट्रायल का अधिकार
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जब कबिता सरकार से संजय रॉय का केस लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,
आरोपी सहित हर व्यक्ति को निष्पक्ष ट्रायल का अधिकार है। मैं कोर्ट ट्रायल के जरिये न्याय में भरोसा करती हूं ना कि इससे पहले दे दिए गए फैसले को।
मृत्युदंड की विरोध हैं कबिता
TOI की रिपोर्ट ने सजा के बारे में कबिता के विचारों को बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वह मृत्युदंड का विरोध करती हैं और अधिकतम सजा के रूप में आजीवन कारावास की वकालत करती हैं।
दोषी साबित होने तक निर्दोष के सिद्धांत में विश्वास
कबिता सरकार 'दोषी साबित होने तक निर्दोष' के सिद्धांत में विश्वास करती हैं। साथ ही अपराधियों को अपने अपराधों पर सोचने का मौका देना चाहती हैं।
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