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    SIR 26 साल का इंतजार खत्‍म: BLO के पास आया बेटा, पिता बोले- डरने की जरूरत नहीं; घर आ जाओ

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 07:33 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया ने उत्तर 24 परगना के एक वृद्ध दंपती को उनके 26 साल पहले बिछड़े बेटे तरुण दत्त स ...और पढ़ें

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    26 साल बाद मतदाता सूची ने मिलाया। AI फोटो

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआआर) की प्रक्रिया वर्षों पहले बिछड़े लोगों को मिलाने में भी मदद कर रही है। इसकी बदौलत अब एक वृद्ध माता-पिता को 26 साल पहले घर से भागे बेटे का पता चला है। मामला कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के हबरा इलाके का है।

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    पुत्र तरुण दत्त व्यवसाय में नुकसान के बाद लेनदारों के डर से 26 साल पहले पिता प्रशांत दत्त व मां सांत्वना दत्त को छोड़कर भाग गया था। वृद्ध दंपती को विश्वास था कि एसआआर के तहत नई मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने उनका बेटा जरूर सामने आएगा इसलिए वे लगातार अपने इलाके के बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के संपर्क में थे। आखिरकार उन्हें वह सुसंवाद मिला, जिसकी उन्हें वर्षों से प्रतीक्षा थी।

    बीएलओ ने कराई बेटे से बातचीत

    बीएलओ ने दंपती को बताया कि उनके बेटे के गणना प्रपत्र के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में जमा पड़ने की खबर मिली है। इसके बाद वृद्ध माता-पिता ने बीएलओ की मदद से पश्चिम मेदिनीपुर के संबंधित बीएलओ से संपर्क किया और उनके जरिए पुत्र से उनकी फोन पर बातचीत हुई।

    पिता बोले- डरने की जरूरत नहीं; कर्ज चुका दिया

    तरुण ने माता-पिता को बताया कि लेनदारों की धमकियों से वह काफी डर गया था, इसलिए घर छोड़कर भाग गया। वह पश्चिम मेदिनीपुर आकर बस गया। यहां उसने शादी कर ली। उसकी एक बेटी है, जो कॉलेज में पढ़ती है। पिता ने उसे बताया कि उन्होंने अपनी जमीन बेचकर उसका कर्ज चुका दिया है। अब उसे डरने की जरुरत नहीं है। वह अपने घर आ जाए।

    पहले भी दो बिछड़े अपनों से मिले

    मालूम हो कि बंगाल में एसआआर के फलस्वरूप बिछड़ों के पुनर्मिलन की यह तीसरी घटना है। इससे पहले पुरुलिया जिले में विवेक चक्रवर्ती नामक व्यक्ति, जो 1988 में घर छोड़कर चला गया था, उसका पता एसआआर की प्रक्रिया से उसके भतीजे को लगा था।

    वहीं उत्तर 24 परगना जिले के बागदा में जगबंधु मंडल नामक व्यक्ति 1997 में काम की तलाश में घर से निकलने के बाद वापस नहीं लौटा था। परिवार ने मृत मानकर उसका श्राद्ध भी कर दिया था। वह एसआईआर के कारण घर लौट आया था क्योंकि नई मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने को उसे दस्तावेजों की रूरत थी

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