कोलकाता में हंगामा: पुलिस से भिड़ी बीएलओ अधिकार रक्षा समिति, बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश
कोलकाता में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सामने तृणमूल समर्थित 'बीएलओ अधिकार रक्षा समिति' का प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से धक्का- ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। महानगर में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सामने तृणमूल समर्थित 'बीएलओ अधिकार रक्षा समिति' के सदस्यों का विरोध प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को वहां फिर से तनाव की स्थिति बन गई। कार्यालय के बाहर पहले से ही पुलिस तैनात है। प्रदर्शनकारियों का एक हिस्सा पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करने लगा। उन्होंने बैरिकेड्स को तोड़कर सीईओ दफ्तर में घुसने की कोशिश की।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि मतदाता सूची के विशेष गहन परीक्षण (एसआईआर) के दौरान मृत बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के परिवारों को वित्तीय सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
पिछले कुछ दिनों से तृणमूल समर्थक 'बीएलओ अधिकार रक्षा समिति' सीईओ कार्यालय के सामने धरने पर बैठी है। सोमवार के बाद गुरुवार को उन्होंने फिर हंगामा शुरू कर दिया। सुबह से ही प्रदर्शनकारी कार्यालय के सामने बैठकर नारेबाजी कर रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि बीएलओ पर जबरन डेटा एंट्री का काम थोपा जा रहा है और यह बंद होना चाहिए।
राज्य में एसआईआर के काम के दौरान कई बीएलओ की मौत की खबरें प्रकाशित हुई हैं। परिवारों का दावा है कि इन बीएलओ की मौत काम के अत्यधिक दबाव के कारण हुई है। इसी दौरान, कुछ बीएलओ ने बैरिकेड्स पर धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की।
बताते चलें कि पिछले सोमवार को भी उस समय हंगामा शुरू हो गया था, जब विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सीईओ कार्यालय पहुंचे थे। उनकी सीईओ मनोज कुमार अग्रवाल के साथ मुलाकात का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था। जैसे ही सुवेंदु और भाजपा का प्रतिनिधि मंडल वहां पहुंचा, प्रदर्शनकारियों ने विरोध शुरू कर दिया और 'गोबैक' के नारे लगाए। दोनों पक्षों के बीच बहस भी शुरू हो गई थी।

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