Mukul Roy की वापसी के बाद नेताओं का तृणमूल में लौटने का सिलसिला हुआ था शुरू, अब तक इन नेताओं ने थामा दामन
छह नेताओं में सुमन कांजीलाल महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अन्य सभी पहले तृणमूल थे लेकिन सुमन ने राजनीति की शुरुआत भाजपा से की थी। इसी बीच राज्य के पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी और विधाननगर के पूर्व मेयर सब्यसाची दत्ता भाजपा छोड़कर तृणमूल में लौट गए।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। मुकुल रॉय के शामिल होने के साथ ही तृणमूल में नेताओं के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया था। बिष्णुपुर के विधायक तन्मय घोष, रायगंज के विधायक कृष्ण कल्याणी, कालियागंज के विधायक सौमेन रॉय और बागदा के विधायक विश्वजीत दास ने एक-एक कर भाजपा छोड़ कर तृणमूल में शामिल हो गए। कुछ महीने पहले अलीपुरद्वार से भाजपा विधायक सुमन कांजीलाल ने भी अभिषेक बनर्जी के हाथों तृणमूल का दामन थाम लिया था।
सुमन कांजीलाल का लौटना अहम
इन छह नेताओं में सुमन 'महत्वपूर्ण' हैं, क्योंकि अन्य सभी पहले तृणमूल थे, लेकिन सुमन ने राजनीति की शुरुआत भाजपा से की थी। इसी बीच राज्य के पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी और विधाननगर के पूर्व मेयर सब्यसाची दत्ता भाजपा छोड़कर तृणमूल में लौट गए। सब्यसाची, जो मुकुल की पहल पर 2019 में भाजपा में शामिल हुए, विधाननगर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर हार गए। उन्हें तृणमूल में वापसी के लिए इंतजार करना पड़ा।
भाजपा के दो सांसद तृणमूल में गए
वहीं, भाजपा के दो सांसद तृणमूल में चले गए। आसनसोल से सांसद रहते हुए बाबुल सुप्रिया और बैरकपुर के भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने भी तृणमूल का दामन थाम लिया। बाबुल ने तो बाद में सांसद पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन अर्जुन सिंह अभी भी सांसद हैं। इसके बाद अब बायरन विश्वास ने जो तीन महीने पहले सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में करीब 23 हजार वोटों से तृणमूल से हारने के बाद वह तृणमूल में शामिल हो गए, वह भी अभिषेक का हाथ पकड़कर। गौर करें तो सब्यसाची को छोड़कर अधिकांश का तृणमूल में शामिल करने का कार्य अभिषेक के हाथों हुआ हैं।
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