West Bengal Politics : फेक ट्वीट को लेकर बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने तृणमूल सांसद को भेजा कानूनी नोटिस
नोटिस मिलने के 3 दिन के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा। 2 दिन पूर्व घोष ने काकोली को ट्वीट हटाने की चेतावनी दी थी। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की बात कही थी। तृणमूल सांसद ने ट्वीट डिलीट नहीं किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल भाजपा के अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने अपने बारे में फेक व मनगढ़ंत ट्वीट किए जाने को लेकर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की सांसद डॉ काकोली घोष दस्तीदार को कानूनी नोटिस भेजा। इसमें उन्होंने नोटिस मिलने के 3 दिनों के भीतर तृणमूल सांसद से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है।
2 दिन पूर्व घोष ने काकोली को दी चेतावनी
इससे पहले 2 दिन पूर्व घोष ने काकोली को ट्वीट हटाने की चेतावनी दी थी। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने व मानहानि का मुकदमा करने की बात कही थी। हालांकि तृणमूल सांसद ने अपना ट्वीट डिलीट नहीं किया।
सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है
इसके बाद सोमवार को अपने अधिवक्ता पार्थ घोष के माध्यम से बारासात की सांसद डॉ काकोली घोष दस्तीदार को भेजे कानूनी नोटिस में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है।
पूरी तरह गलत व मनगढ़ंत ट्वीट है : घोष
घोष ने ऐसा नहीं करने पर तृणमूल सांसद को कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। घोष का कहना है कि काकोली ने उनके वक्तव्य को विकृत कर पूरी तरह गलत व मनगढ़ंत ट्वीट किया है।
तृणमूल सांसद ने ट्वीट कर किया था दावा
दरअसल तृणमूल सांसद ने ट्वीट कर दावा किया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि मतुआ समुदाय नागरिकता को लेकर भाजपा से ब्लैकमेल कर रहा है। इसीलिए अगर यही रवैया जारी रहा तो हमें मतुआ का वोट नहीं चाहिए।
काकोली का साइबर अपराध, पूरी तरह झूठ
दूसरी ओर घोष का कहना है कि जो बात हमने कहा ही नहीं है उसे गलत तरीके से प्रचारित किया गया। शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में घोष ने कहा था कि काकोली ने साइबर अपराध किया है। मेरे नाम से गलत ट्वीट कर अफवाह फैलाया जा रहा है, जो पूरी तरह से झूठ है।