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West Bengal News: भगदड़ में हुई मौत मामले में बीजेपी नेता चैताली से पुलिस ने की पूंछताछ बोली राजनीति की जा रही

कंबल वितरण के दौरान हुई भगदड़ में तीन लोगों की मौत को लेकर भाजपा पार्षद चैताली तिवारी से पुलिस की सात सदस्यीय टीम ने दो घंटे तक पूछताछ की। इस पर उन्होंने कहा कि टीएमसी नेता चाहते हैं कि वह बंगाल छोड़ दें लेकिन वह बंगाल छोड़ने वाले नहीं है।

By Rakesh Pradeep UpadhayEdited By: Mohit TripathiPublished: Sat, 24 Dec 2022 04:23 PM (IST)Updated: Sat, 24 Dec 2022 04:23 PM (IST)
भगदड़ मामले में बीजेपी नेता चैताली तिवार से पुलिस ने की पूंछताछ।

आसनसोल, जागरण संवाददाता: आसनसोल उत्तर थाना के आरके डंगाल में कंबल वितरण के दौरान हुई भगदड़ में तीन लोगों की मौत को लेकर भाजपा पार्षद चैताली तिवारी से शनिवार को पुलिस ने आसनसोल घनश्याम अपार्टमेंट स्थित उनके आवास पर पूछताछ की। सात सदस्यीय टीम ने चैताली तिवारी से दो घंटे तक पूछताछ की।

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हाईकोर्ट ने दी थी राहत

पुलिस की ओर से उनसे पूछताछ के तीन बार आवास पर नोटिस चस्पा किया गया था। भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी के कोलकाता में होने के कारण आवास पर ताला लगा था। चैताली ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद कोर्ट ने उनको राहत देते हुए निर्देश दिया कि पुलिस चैताली तिवारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं कर सकती है। चैताली को भी जांच में सहयाेग करने को कहा।पूछताछ के बाद जितेंद्र तिवारी ने कहा कोर्ट का निर्देश था कि इस मामले के आइओ ही पूछताछ करेंगे, लेकिन सात लोगों ने दो घंटे तक पूछताछ की।

टीएमसी नेता चाहते हैं हम बंगाल छोड़ दें

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को खुश करने के लिए पुलिस ऐसा कर रही है। तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि विरोधी दल चैन से न रहे,तृणमूल कांग्रेस की गलत नितियों का कोई विरोध न करे, विरोधियों को दबाने के लिए तृकां नेताओं के निर्देश पर पुलिस कार्य कर रही है। पुलिस का यह आचरण सही नहीं है।जितेंद्र तिवारी ने कहा उनकी पत्नी को पूछताछ के नाम पर परेशान करने से टीएमसी नेता खुशी मनाएंगे। टीएमसी नेता चाहते हैं कि वह बंगाल छोड़ दें, लेकिन वह बंगाल छोड़ने वाले नहीं है। यहां पर जन्म लिया है और यहीं पर मरेंगे।

यही तत्परता पुलिस अगर घटना के दिन दिखाती तो बच सकती थीं जानें

पुलिस आज जो तत्परता दिखा रही है, वही तत्परता यदि घटना वाले दिन दिखाती तो तीन लोगों को मरने से बचाया जा सकता था। टीएमसी नेताओं ने शायद कार्यक्रम स्थल पर पुलिस को जान बूझकर तैनात नहीं किया। भाजपा के कार्यक्रम में पुलिस सुरक्षा देने की जरूरत नहीं समझी। जनता की जान-माल की सुरक्षा का दायित्व पुलिस का है, पुलिस यदि चाहती तो वहां पर सुरक्षा दे सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। घटना के दो दिन पहले एक बच्चा उसी इलाके में नाले में गिरकर मर गया था। उस मासूम के घर टीएमसी नेता, नगर निगम के नेता क्यों नहीं गए। कोलकाता से आए टीएमसी नेताओं का प्रतिनिधि मंडल क्यों नहीं गया।

घटना पर राजनीति की जा रही

भगदड़ में मारे गये तीन लोगों को लेकर राजनीति की जा रही है। टीएमसी के एक नेता के कानून न मानने के सवाल पर जितेंद्र तिवारी ने कहा टीएमसी नेता कानून की बात न करे तो अच्छा है। आसनसोल नगर निगम चुनाव में क्या हुआ, यह सभी ने देखा किस तरह से वोट की लूट की गई।उन्होंने कहा उनकी पत्नी की तबीयत खराब थी, उसके बाद भी पूरे दो घंटे पूछताछ की गई। यह पता नहीं चला है कि क्या पूछताछ की गई।

भगदड़ में तीन की हुई थी मौत, दस के खिलाफ मामला दर्ज

बता दें कि 14 दिसंबर को कंबल वितरण के दौरान हुए भगदड़ में एक नाबालिग समेत तीन की मौत हो गई थी। पुलिस ने मृतकों में शामिल झाली बाउरी के पुत्र सुखेन बाउरी के शिकायत के आधार पर दस लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मामले में भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी, उनकी पत्नी भाजपा पार्षद चैताली तिवारी, पार्षद गौरव गुप्ता और अमित तुलस्यान भी आरोपित हैं। इसमें से अमित को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया।

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