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    West Bengal: कम होगी अब छात्रों की समस्या, राज्यपाल बोस ने की 7 यूनिवर्सिटी के अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति

    पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने सात विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की। सूत्रों के मुताबिक नौ अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों को भी अंतिम रूप दे दिया गया है और नियुक्ति पत्र जल्द ही जारी किए जाएंगे।अंतरिम कुलपतियों का चयन एलिजिबिलिटीसस्टेनेबिलिटी विलिंगनेस और डिजायरेबिलिटी के आधार पर किया गया है। यह निर्णय छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए लिया गया।

    By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 04 Sep 2023 09:21 AM (IST)
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    राज्यपाल बोस ने की 7 यूनिवर्सिटी के अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति (Image: Jagran Graphic)

    कोलकाता, एजेंसी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और टीएमसी (TMC) सरकार के बीच चल रही खींचतान के बीच सी वी आनंद बोस ने सात विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की है। प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, MAKAUT और बर्दवान विश्वविद्यालय सहित सात यूनिवर्सिटी में नियुक्तियां रविवार को की गईं। राज्यपाल द्वारा यह निर्णय छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए लिया गया है।

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    कौन-कौन से प्रोफेसर हुए नियुक्त

    पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय का अंतरिम वीसी प्रोफेसर राज कुमार कोठारी को नियुक्त किया गया है, जबकि न्यायमूर्ति शुभ्रकमल मुखर्जी, जो वर्तमान में रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय के अंतरिम प्रभार संभाल रहे हैं, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के अंतरिम वीसी भी होंगे।

    प्रोफेसर देबब्रत बसु को उत्तर बंग कृषि विश्वविद्यालय का अंतरिम वीसी नियुक्त किया गया है, जबकि प्रोफेसर तपन चंदा को मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का अंतरिम वीसी नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर गौतम चक्रवर्ती को बर्दवान विश्वविद्यालय का प्रभार दिया गया है और प्रोफेसर इंद्रजीत लाहिड़ी नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी के अंतरिम वीसी के रूप में कार्यभार संभालेंगे। प्रोफेसर श्याम सुंदर दाना को पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय का अंतरिम वीसी नियुक्त किया गया।

    9 अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी नियुक्ति जारी

    सूत्रों के मुताबिक, नौ अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों को भी अंतिम रूप दे दिया गया है और नियुक्ति पत्र जल्द ही जारी किए जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि अंतरिम कुलपतियों का चयन एलिजिबिलिटी, सस्टेनेबिलिटी, विलिंगनेस और डिजायरेबिलिटी के आधार पर किया गया है।

    समाचार एजेंसी PTI को दिए एक पूर्व साक्षात्कार में, राज्यपाल ने बताया था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि कुलपतियों की नियुक्तियों पर, राज्यपाल को राज्य सरकार से परामर्श करने की आवश्यकता है, लेकिन उन्हें नियुक्ति में राज्य की सहमति की आवश्यकता नहीं है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि विश्वविद्यालय के कानून में यह नहीं कहा गया है कि कुलपतियों को आवश्यक रूप से शिक्षाविद होना चाहिए।