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    Bengal: भर्ती घोटाले मामले में नाम शामिल करने के खिलाफ कलकत्ता HC पहुंचे TMC सांसद अभिषेक, कल फिर होगी सुनवाई

    तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने नकदी के बदले नौकरी मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया है। यह मामला पहले से ही न्यायमूर्ति घोष की पीठ में लंबित है इसलिए जज ने कहा कि ऐसे में इस मामले में समानांतर जांच संभव नहीं है। जज ने कहा पहले वह दोनों मामलों के बीच संबंधों की जांच करेंगे।

    By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Thu, 31 Aug 2023 04:42 PM (IST)
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    नकदी के बदले नौकरी मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंचे टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने नकदी के बदले नौकरी मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने नकदी के बदले नौकरी मामले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनका नाम शामिल करने के विरोध में गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष के समक्ष नई अपील की।

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    ताजा याचिका में बनर्जी के वकील ने तर्क दिया है कि चूंकि जांच के दायरे से उनका नाम हटाने की उनकी याचिका से संबंधित मामला पहले से ही न्यायमूर्ति घोष की पीठ में लंबित है, इसलिए इस मामले में समानांतर जांच संभव नहीं है।

    शुक्रवार को फिर होगी सुनवाई  

    याचिका में तर्क दिया गया है कि चूंकि ईडी द्वारा प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआइआर) को खारिज करने की उनकी पिछली याचिका न्यायमूर्ति घोष की पीठ के अंतिम आदेश के लिए लंबित है, ऐसे में नए समन का सवाल कैसे हो सकता है। जस्टिस घोष ने कहा कि वह पहले दोनों मामलों के बीच संबंधों की जांच करेंगे और उसके बाद ही तय करेंगे कि नई याचिका से संबंधित मामले की सुनवाई होगी या नहीं। शुक्रवार को इस मामले में फिर से सुनवाई की जाएगी।

    14 सितंबर को दाखिल करनी होगी रिपोर्ट

    बनर्जी का नया आवेदन 29 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के बीच आया है। इसमें बंगाल के स्कूल में नौकरी के लिए नकद मामले में बनर्जी के खिलाफ जांच की प्रगति पर ईडी से रिपोर्ट मांगी गई थी।

    ईडी को 14 सितंबर तक प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहते हुए न्यायमूर्ति सिन्हा ने भी नाराजगी व्यक्त की और सवाल उठाया कि केंद्रीय एजेंसी ने बनर्जी को सिर्फ एक बार नोटिस भेजने के बाद मामले में दोबारा क्यों नहीं बुलाया।

    ईडी के दलील से संतुष्ट नहीं न्यायमूर्ति

    न्यायमूर्ति सिन्हा, ईडी के वकील की इस दलील से संतुष्ट नहीं थी कि बनर्जी ने स्कूल नौकरी मामले में जांच के दायरे से अपना नाम हटाने के लिए पहले ही याचिका दायर कर दी है, इसलिए केंद्रीय एजेंसी इस मामले में आदेश का इंतजार कर रही है।

    उन्होंने ईडी के वकील की इस दलील पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि जब तक इस संबंध में याचिका में कोई स्पष्ट आदेश नहीं आता तब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती। इस पर जस्टिस सिन्हा ने सवाल किया कि क्या इसका मतलब यह है कि आप जांच प्रक्रिया में प्रगति नहीं करेंगे?