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    West Bengal: बंगाल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष से पूछताछ कर सकती है सीबीआई, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Mon, 30 Oct 2023 05:05 PM (IST)

    प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल और उप सचिव पार्थ कर्मकार को सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले के आरोपों से संबंधित मामले में गौतम और पार्थ से पूछताछ करने का निर्देश सीबीआई को दिया है। यदि आवश्यक हो तो न्यायाधीश ने उन्हें हिरासत में लेने और पूछताछ करने का भी सीबीआई को निर्देश दिया है।

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    कोर्ट ने शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और उप सचिव से पूछताछ करने का निर्देश दिया (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाताः प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल और उप सचिव पार्थ कर्मकार को सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले के आरोपों से संबंधित मामले में गौतम और पार्थ से पूछताछ करने का निर्देश सीबीआई को दिया है। यदि आवश्यक हो, तो न्यायाधीश ने उन्हें हिरासत में लेने और पूछताछ करने का भी सीबीआई को निर्देश दिया है।

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    उस आदेश को चुनौती देते हुए बोर्ड के अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी ने सोमवार को याचिका पर कोई राहत नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि जांच में हर तरह का सहयोग करने पर गिरफ्तारी का डर क्यों है? अगर जरूरी हुआ तो अगले शुक्रवार को सुनवाई के बाद सुरक्षा दी जाएगी।

    एस बसु राय एंड कंपनी को मिला ओएमआर शीट का काम

    साल 2014 में 'एस बसु राय एंड कंपनी' नाम की कंपनी को प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा की उत्तर पुस्तिका (ओएमआर शीट) देखने का काम दिया गया था। 22 सितंबर को सीबीआई ने उस संगठन के प्रमुख कौशिक माजी को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई दफ्तर में बुलाया और उनसे पूछताछ की। इसके बाद जस्टिस गंगोपाध्याय की बेंच में टेट परीक्षा को लेकर रिपोर्ट पेश की गई।

    ओएमआर शीट में मिली है भारी गड़बड़ी

    उस मामले में आवेदक के वकील फिरदौस शमीम ने कहा कि ओएमआर शीट के 'डिजिटाइज्ड डेटा' में कई गलतियां हैं। कोर्ट में ओएमआर शीट की जानकारी बिल्कुल भी विश्वसनीय नहीं है, क्योंकि ओएमआर शीट के डिजिटाइज्ड डेटा का मतलब ओएमआर शीट की स्कैन की गई कापी है। लेकिन इस मामले में बोर्ड ने कोर्ट के सामने जो ओएमआर शीट पेश किया है वह टाइप की हुई जानकारी है और उस जानकारी में कई सवाल-जवाब के विकल्प भी गलत हैं।

    सीबीआई ने सभी महत्वपूर्ण सवाल नहीं पूछे जो पूछने थे- कोर्ट

    याचिकाकर्ता की यह बात सुनने के बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने जांच कर रही सीबीआई से पूछा कि वह जानना चाहते हैं कि यह खामी कैसे रह गई? जज ने यहां तक कहा कि, सीबीआई ने वे सभी महत्वपूर्ण सवाल भी नहीं पूछे जो आरोपितों से पूछने की जरूरत थी। सीबीआई को फटकार लगाने के 48 घंटे के भीतर, सीबीआई ने टेट परीक्षा की ओएमआर शीट की जांच करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी के प्रमुख कौशिक को निजाम पैलेस में बुलाया और उनसे पूछताछ की।

    सीबीआई बोर्ड के किसी भी अधिकारी से पूछताछ कर सकती

    इसके बाद उन्होंने प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और उप सचिव को तलब करने का आदेश दिया। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष सहित अन्य अधिकारियों ने नव मुद्रित प्रति को 'डिजिटल प्रति' होने का दावा किया। इसलिए कोर्ट को लगता है कि बोर्ड अध्यक्ष और सचिव से पूछताछ की जरूरत है। यहां तक कि जरूरत पड़ने पर सीबीआई बोर्ड के किसी भी अधिकारी को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर सकती है। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद गौतम पाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की कि सीबीआई को कोई सख्त कार्रवाई करने से रोका जाए।

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