West Bengal Budget: सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, महिलाओं में मायूसी; ममता के बजट में किसे-क्या मिला?
राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाया गया है। वहीं आशा और आंगनबाड़ी कर्मियों को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। इस बार बजट में लक्ष्मी भंडार योजना की धनराशि नहीं बढ़ाई गई है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण को पथश्री योजना के लिए 1500 करोड़ आवंटित किए गए। वहीं गंगासागर सेतु के निर्माण और घाटाल मास्टर प्लान के लिए भी 500-500 करोड़ दिए गए।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार लोकलुभावन बजट के लिए जानी जाती है, लेकिन बुधवार को विधानसभा में पेश हुए वित्त वर्ष 2025-26 के राज्य बजट में मनभावन योजनाओं की बौछार नहीं दिखी, जिसकी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस आखिरी पूर्ण बजट में उम्मीद की जा रही थी।
3,89,194.09 करोड़ रुपये (0.12 करोड़ के घाटे वाले) के इस बजट में बुनियादी ढांचे और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए ग्रामीण विकास पर सबसे ज्यादा जोर दिखा।
वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पिछले साल की तरह इस बार भी राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) चार प्रतिशत बढ़ाकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश जरूर की। इसी तरह आशा और आंगनबाड़ी कर्मियों को स्मार्ट फोन देने को 200 करोड़ आवंटित करने की घोषणा कर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरी, लेकिन महिलाओं के एक बड़े वर्ग को निराश भी किया, जो इस बार भी बजट में 'लक्ष्मी भंडार' योजना के तहत सरकार की ओर से हर महीने दी जाने वाली धनराशि बढऩे की उम्मीद कर रहे थे।
चंद्रिमा ने सरकारी कर्मचारियों का डीए चार प्रतिशत बढ़ाकर 14 से 18 प्रतिशत कर दिया। बढ़ा हुआ डीए एक अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा। पेंशनभोगी भी इसके दायरे में आएंगे, हालांकि अभी भी केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच डीए का अंतर 35 प्रतिशत है। उन्होंने बुनियादी ढांचे पर जोर देते हुए 'पथश्री' योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की।
नदी कटाव रोकने को नई योजना
वित्त राज्य मंत्री ने नदी कटाव रोकने को 'नदी बंधन' नामक योजना की भी घोषणा की और इस मद में 200 करोड़ रुपये आवंटित किए। गंगासागर सेतु के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसी तरह घाटाल मास्टर प्लान के लिए भी 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। कृषि पर ध्यान देते हुए धान की खरीद के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से नए केंद्रों के निर्माण की भी बात कही गई है।
16 लाख नए घरों के निर्माण का लक्ष्य
आवास क्षेत्र में 'बांग्लार बाड़ी' योजना के तहत आगामी वित्त वर्ष में 16 लाख नए घरों के निर्माण का लक्ष्य है, जिसके लिए 9,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। ïइन सब योजनाओं के लिए इतनी धनराशि कहां से आएगी, इसका ब्योरा पेश नहीं किया गया है। राजस्व संग्रह बढ़ाने का भी कोई रोडमैप नहीं बताया गया है।
सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं
चंद्रिमा ने बजट में अपनी सरकार की 13 वर्षों की उपलब्धियों का भी खूब बखान किया है। आर्थिक मोर्चे पर भी सफलताएं गिनाई। उन्होंने कहा कि बंगाल के औद्योगिक क्षेत्र ने 7.3 प्रतिशत व कृषि व संबद्ध क्षेत्रों ने 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
बंगाल का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 6.80 प्रतिशत बढ़ा है। निर्यात वित्त वर्ष 2010-11 के स्तर से दोगुना से भी अधिक हो गया है। इसी तरह पूंजीगत व्यय भी 13 गुना से भी अधिक बढ़कर 28,963.09 करोड़ रुपये दर्ज हुआ है। भट्टाचार्य ने यह भी दावा किया कि बंगाल में 1.72 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाया जा चुका है और यहां बेरोजगारी दर भारत की आठ प्रतिशत की बेरोजगारी दर की तुलना में लगभग आधी (4.14 प्रतिशत) है। उद्योग व अन्य क्षेत्रों में करीब दो करोड़ रोजगार का सृजन किया गया है।
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