West Bengal: पांच राज्यों में चुनाव के बाद बंगाल भाजपा की कमान खुद अपने हाथ में लेंगे शाह और नड्डा
पांच राज्यों में चुनाव संपन्न होते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष बंगाल में संगठन का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में लेंगे। इस फैसले से राज्य नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया हैयानी इस कदम के बाद लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन से लेकर पार्टी की यहां रणनीति क्या होगी यह सब केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल भाजपा के भीतर जारी अंदरूनी कलह से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चिंतित है, क्योंकि यह लड़ाई अब सड़कों पर आ गई है।
वर्तमान प्रदेश नेतृत्व व पार्टी में उपेक्षा से नाराज विभिन्न जिलों से भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बीते गुरुवार को कोलकाता में एकत्रित होकर प्रदेश मुख्यालय के बाहर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद अब शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी में व्यवस्था बहाल करने के लिए बंगाल को लेकर कड़ा फैसला लिया है।
लोकसभा चुनाव की सभी रणनीति केंद्र के हाथ
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पांच राज्यों में चुनाव संपन्न होते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष बंगाल में संगठन का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में लेंगे। इस फैसले से राज्य नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया है, यानी इस कदम के बाद लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन से लेकर पार्टी की यहां रणनीति क्या होगी, यह सब केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा।
संगठन पर अब विशेष नजर रखेंगे अमित शाह
खबर है कि खासकर गृह मंत्री शाह बंगाल में संगठन पर अब विशेष नजर रखेंगे। राज्य में सांगठनिक स्तर पर कोई अहम नियुक्ति या फेरबदल सहित किसी भी निर्णय के बारे में अब नवंबर से सीधे शाह को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यहां के बारे में अब कोई भी अंतिम फैसला सीधे शाह लेंगे। साथ की संगठन स्तर पर आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे।
शाह को बड़ी उम्मीद
पिछले हफ्ते पार्टी के शीर्ष नेताओं ने प्रदेश भाजपा के विभिन्न शाखा संगठनों के अध्यक्षों के साथ कई बैठकें की है, जिसमें जरूरी निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश भाजपा के एक नेता ने बताया कि अमित शाह को इस बार बंगाल से पिछली बार से ज्यादा लोकसभा सीटों की उम्मीद है और उन्होंने 42 में से 35 सीटें जीतने का पहले ही लक्ष्य दे चुके हैं। हालांकि, जिस तरह से यहां अंदरूनी कलह सड़कों तक आ गई है उससे केंद्रीय नेतृत्व नाखुश है। वहीं, प्रदेश नेताओं के व्यवहार ने उन्हें कड़े फैसले लेने पर मजबूर किया है।
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