WBSSC Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में एक और खुलासा, इंटरव्यू लेने वालों की अवैध तरीके से हुई नियुक्तियां
पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में एक और खुलासा हुआ है। जांच के दौरान पता चला है कि इसमें इंटरव्यू लेने वाले अधिकतर लोगों को अवैध तरीके से नियुक्त किया गया था। यहां तक कि कई लोगों ने न्यायाधीश के सामने इस बात को स्वीकार भी किया है।

कोलकाता, ऑनलाइन डेस्क। शिक्षक भर्ती घोटाले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बंगाल में शिक्षकों की भर्ती में तो घोटाला हुआ ही, इसके साथ ही भर्ती के लिए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लेने वालों की भी अवैध तरीके से नियुक्तियां हुई थीं। पता चला है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए जिन लोगों को इंटरव्यू लेने वालों के तौर पर नियुक्तियां किया गया था, उनका निर्धारित नियमों के मुताबिक चयन नहीं किया गया था।
जज ने दर्ज किया गोपनीय बयान
शिक्षक भर्ती घोटाले से संबधित मामलों पर सुनवाई कर रहे कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने अभिनव कदम उठाते हुए इंटरव्यू लेने वाले 30 लोगों से पिछले दिनों अदालत के बंद कक्ष में बातचीत की थी। उनका गोपनीय बयान दर्ज किया गया था। इंटरव्यू लेने वालों में से अधिकतर ने न्यायाधीश गंगोपाध्याय के सामने स्वीकार किया कि उनकी किसी नियम के तहत नियुक्ति नहीं हुई थी।
इंटरव्यू लेने वालों को नहीं दी गई थी नियमावली
इंटरव्यू लेने वालों को लिखित तौर पर कुछ बताया नहीं गया था। किसी को फोन करके तो किसी को मैसेज करके यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बहुत से लोगों ने बताया कि किस तरह से इंटरव्यू लेना है, इसे लेकर कोई नियमावली नहीं दी गई थी। जिला प्राथमिक बोर्ड के अधिकारियों ने सबकुछ मौखित तौर पर बताया था। उन्हें बस इतना कहा गया था कि 10 नंबरों के लिए अभ्यर्थियों की मौखिक परीक्षा लेनी होगी।
इंटरव्यू का तरीका बताए बिना किया था नियुक्त
कुछ ने तो यह भी स्वीकार किया है कि उन्हें इंटरव्यू लेने का तरीका तक मालूम नहीं है। इंटरव्यू लेने के लिए तीन-तीन लोगों की टीमें गठित की गई थीं। गौरतलब है कि 2016 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के जरिए बंगाल में कुल 42,500 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां हुई थीं। अभ्यर्थियों के एक वर्ग ने एप्टीट्यूड टेस्ट के लिए लिए गए इंटरव्यू की पद्धति पर सवाल उठाते हुए हाई कोर्ट में मामला किया था।
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