लक्ष्मी पूजा की तस्वीर पोस्ट करने पर ट्रोल किए जाने को लेकर अली अकबर खान के पोते शिराज ने भी दिया करारा जवाब
प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद अली अकबर खान के पोते सरोद वादक शिराज अली खान ने इंटरनेट मीडिया पर उन्हें ट्रोल करने वालों पर पलटवार किया। उन्होंने उन ट्रोलर्स को जवाब दिया है जिन्होंने उनके आवास पर लक्ष्मी पूजा समारोह की तस्वीरें पोस्ट करने के लिए उन पर कटाक्ष किया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद अली अकबर खान के पोते सरोद वादक शिराज अली खान ने इंटरनेट मीडिया पर उन्हें ट्रोल करने वालों पर पलटवार किया। उन्होंने उन ट्रोलर्स को जवाब दिया है, जिन्होंने उनके आवास पर लक्ष्मी पूजा समारोह की तस्वीरें पोस्ट करने के लिए उन पर कटाक्ष किया था। शिराज ने जनवरी 2020 में अत्रेयी सेनगुप्ता से शादी की थी। यह पहला साल है जब अत्रेयी ने अपने रानीकुठी निवास पर लक्ष्मी पूजा मनाई है। अत्रेयी ने बताया कि वह अपनी मां को देवी लक्ष्मी की पूजा करते हुए देखकर बड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि जब मैंने इस पूजा को करने की इच्छा व्यक्त की तो शिराज ने मेरा समर्थन किया। मेरी मां खुद पूजा करती थीं और 'पांचली' पढ़ती थीं। मैंने बुधवार को भी ऐसा ही किया। हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा ऐसे माहौल में बड़ा हो जहां वह सभी धर्मों का सम्मान करे। हालांकि कई लोगों ने शिराज की इस पूजा की तस्वीर की सराहना की। कई ने फेसबुक पर स्टोरी पोस्ट की तो कई उन्हें ट्रोल करने लगे। \
शिराज ने कहा कि बांग्लादेश के एक पारिवारिक मित्र ने मेरे इस काम को लेकर मजाक उड़ाया। मैं यह देखकर परेशान और निराश हुआ। मैं इस तरह के व्यवहार का समर्थन नहीं करता। इसलिए मैंने एक पोस्ट लिखी कि जो कोई भी यह मानता है कि मुझे किसी किसी भी समुदाय के लिए खड़े होने का मेरा तरीका गलत हो तो वह मुझे अनफ्रेंड कर सकता है। उन्हें भविष्य में मेरे या मेरे परिवार से नहीं जुड़ना चाहिए।
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंसा की घटनाओं की निंदा करते हुए, उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि यह लक्ष्मी पूजा उस घटना के कुछ ही दिनों बाद आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि हम जिसमें विश्वास रखते हैं, हमारी पूजा उसे लेकर सही संदेश देती है। मुझे खुशी है कि न केवल हिंदू, बल्कि मेरे इंटरनेट मीडिया पर कई मुस्लिम मित्रों ने भी मेरा समर्थन किया है।
युवा सरोद वादक ने अपनी दादी- जुबैदा खान के प्रभाव का उल्लेख किया है- जिन्होंने कहा था कि हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुझे मां सरस्वती और मां काली सहित हिंदू देवी-देवताओं की पूजा से परिचित कराया। हालांकि मेरे परदादा पांच वक्त नमाज पढ़ा करते थे और वह भी मां शारदा की पूजा करते थे।