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    तृणमूल नेत्री अर्पिता के इस्तीफे पर दिलीप घोष ने ली चुटकी, कहा- बाहर से लाकर लोगों को जगह दे रही पार्टी, इसीलिए हटना पड़ा

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Thu, 16 Sep 2021 03:45 PM (IST)

    अर्पिता घोष ने अचानक राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। राज्यसभा के सभापति ने उनका इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया। अर्पिता ने अभिषेक बनर्जी को पत्र लिखकर कहा था कि अब वह सांसद नहीं रहना चाहती हैं बल्कि बंगाल के लिए काम करना चाहती हैं।

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    तृणमूल नेत्री अर्पिता के राज्यसभा से इस्तीफे पर दिलीप घोष ने ली चुटकी

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेत्री अर्पिता घोष के अचानक राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफे पर बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने चुटकी ली है। गुरुवार को घोष से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाहर से लोगों को लाकर राज्यसभा भेजा जा रहा है इसलिए अर्पिता घोष को हटना पड़ा है। दरअसल कुछ दिनों पहले ही असम से कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रहीं सुष्मिता देव के तृणमूल में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया है। हालांकि सुष्मिता को मानस भुइयां के इस्तीफे के कारण खाली हुई सीट के लिए नामांकित किया गया है।

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    कोलकाता के इको पार्क में मार्निंग वाक करने पहुंचे दिलीप घोष ने कहा कि अर्पिता घोष को पार्टी ने सब कुछ दिया है। सांसद बनीं, जिलाध्यक्ष बनीं, फिर राज्यसभा में रही हैं। अब पार्टी नए लोगों को जगह दे रही है इसलिए उन्हें हटना पड़ रहा है।

    उल्लेखनीय है कि अर्पिता घोष ने बुधवार को अचानक राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। राज्यसभा के सभापति ने उनका इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है। अर्पिता ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी को पत्र लिखकर कहा था कि अब वह सांसद नहीं रहना चाहती हैं बल्कि बंगाल के लिए काम करना चाहती हैं।

    माना जा रहा है कि पार्टी में उन्हें अहम जिम्मेवारी दी जाएगी और उनकी जगह अमित मित्रा को राज्यसभा भेजा जा सकता है। बता दें कि अमित मित्रा राज्य के वित्त मंत्री हैं। हालांकि वह इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े थे इसके बावजूद ममता बनर्जी ने उन्हें मंत्री बनाया था।

    नियमों के मुताबिक मंत्री बनने के छह महीने के भीतर उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। लेकिन बंगाल में बांकी चार सीटों पर उपचुनाव नहीं होने के चलते मित्रा का पांच नवंबर से पहले विधायक बनना संभव नहीं दिख रहा है। ऐसी स्थिति में उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। इसीलिए माना जा रहा है कि अर्पिता घोष के इस्तीफे के बाद खाली हुई राज्यसभा की सीट से पार्टी अमित मित्रा को राज्यसभा भेज सकती है।