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    विजय दिवस पर कोलकाता में बलिदानियों को दी गई श्रद्धांजलि, बांग्लादेशी मुक्ति योद्धा भी हुए शामिल

    Updated: Mon, 16 Dec 2024 04:34 PM (IST)

    Vijay Diwas 53वें विजय दिवस के मौके पर सोमवार को कोलकाता में सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम स्थित विजय स्मारक पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सेना के पांच हेलीकॉप्टरों से विजय स्मारक पर पुष्प वर्षा भी की गई। समारोह में राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस सहित पूर्वी कमान के प्रमुख और तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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    विजय दिवस समारोह में बांग्लादेश के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया। (Photo- Jagran)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत की खुशी में 53वें विजय दिवस के मौके पर सोमवार को कोलकाता में सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम स्थित विजय स्मारक पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई। समारोह में मुख्य अतिथि बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस सहित पूर्वी कमान के प्रमुख (जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी एवं तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने विजय स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले बलिदानियों को नमन किया।

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    इस दौरान सेना के पांच हेलीकॉप्टरों से विजय स्मारक पर पुष्प वर्षा भी की गई। पूर्वी कमान के आमंत्रण पर विजय दिवस समारोह में बांग्लादेशी मुक्ति योद्धा (स्वतंत्रता सेनानियों) और वहां की सेना के एक सेवारत अधिकारी सहित नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया और विजय स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किए। बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद अनिनूर रहमान ने किया। समारोह में बांग्लादेशी प्रतिनिधियों के परिवार के सात सदस्य भी शामिल हुए। बांग्लादेशी सशस्त्र बलों के अधिकारी और मुक्ति योद्धा हर साल कोलकाता में विजय दिवस समारोह में भाग लेते हैं।

    हर साल मनाया जाता है विजय दिवस

    पुष्पांजलि समारोह में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर राय चौधरी, पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा के अलावा 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के कई पूर्व दिग्गज (वेटरंस) भी मौजूद थे। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत की याद में हर साल 16 दिसंबर को भारतीय सेना विजय दिवस के रूप में मनाती है। 1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने बांग्लादेश की मुक्ति में अहम योगदान दिया था। 16 दिसंबर 1971 को 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना और बांग्लादेश लिबरेशन आर्मी के सामने आत्मसमर्पण किया था। इसी युद्ध के बाद नए राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ था।

    लोगों को उत्पीड़न से मुक्ति दिलाई : राज्यपाल

    इस मौके पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों की जीत ने लोगों को उत्पीड़न से मुक्ति दिलाई और बांग्लादेश के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। विजय स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद राज्यपाल ने कहा कि भारत जानता है कि कैसे एक साथ आना है, कैसे सोचना है और कैसे एक साथ काम करना है।

    बोस ने कहा, 'न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक विश्व के लिए यह दिन लोगों के उत्पीड़न से मुक्ति का प्रतीक है। बांग्लादेश के निर्माण में भारतीय सशस्त्र बलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बांग्लादेश में हमारे भाइयों और बहनों ने यह सिद्ध किया कि किसी का हमेशा दमन नहीं किया जा सकता।'