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    Bengal: मेट्रो कार्य के लिए मैदानी क्षेत्र में नहीं काटे जा सकेंगे पेड़, हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश बरकरार

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Fri, 17 Nov 2023 08:00 PM (IST)

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने मेट्रो कार्य के लिए मैदानी क्षेत्रों में पेड़ों के काटने पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि अदालत मेट्रो परियोजना के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की दलील सुनना चाहती है। उन्हें एक हलफनामा जमा करना होगा। खंडपीठ ने कहा कि राज्य के वन विभाग को मामले में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि पेड़ काटने के लिए वन विभाग की इजाजत चाहिए।

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    मेट्रो कार्य के लिए मैदानी क्षेत्र में पेड़ काटने पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लगाई रोक (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मेट्रो कार्य के लिए मैदानी क्षेत्रों में कोई पेड़ नहीं काटे जा सकेंगे। कलकत्ता हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि अदालत परियोजना के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की दलील सुनना चाहती है। उन्हें एक हलफनामा जमा करना होगा।

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    'वन विभाग को मामले में शामिल किया जाना चाहिए'

    खंडपीठ ने कहा कि राज्य के वन विभाग को मामले में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि पेड़ काटने के लिए वन विभाग की इजाजत चाहिए। सभी पक्षों के बयान सुनने के बाद हाई कोर्ट फैसला लेगा। मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।

    'हम मेट्रो परियोजना के खिलाफ नहीं हैं'

    मेट्रो का काम हासिल करने वाली कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड ने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय के पहले के आदेश के परिणामस्वरूप काम रुका हुआ है। परियोजना आगे नहीं बढ़ रही है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम मेट्रो परियोजना के खिलाफ नहीं हैं। मेट्रो सेवा की बहुत जरूरत है। मेट्रो कोई विलासिता नहीं, जरूरत बन गई है। हमें गंगा के नीचे पहली मेट्रो पर गर्व है। यह केवल एक अंतरिम निर्देश है।

    'नौ नवंबर तक मैदानी क्षेत्र में कोई पेड़ नहीं काटा जा सकता है'

    इससे पहले, 26 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया था कि मेट्रो रेल के काम के लिए मैदानी क्षेत्र में पेड़ नहीं काटे जा सकते। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उस खंड में मेट्रो के काम पर अंतरिम रोक लगा दी। न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति विवासरंजन दे की खंडपीठ ने आदेश दिया कि नौ नवंबर तक मैदानी क्षेत्र में कोई पेड़ नहीं काटा जा सकता है।

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    मैदानी इलाके में काटे जाएंगे 700 पेड़

    मोमिनपुर से धर्मतल्ला तक मेट्रो का काम चल रहा है। उस काम के लिए विक्टोरिया मेमोरियल से सटे मैदानी इलाके में 700 पेड़ काटे जाएंगे। पीपुल यूनाइटेड फार बेटर लिविंग इन कोलकाता नामक संस्था ने इसकी शिकायत करते हुए हाई कोर्ट में जनहित मामला दायर किया था।

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    'पेड़ काटे जाएंगे तो पर्यावरण को नुकसान होगा'

    संस्था के मुताबिक, मैदानी इलाका शहर का फेफड़ा है। अगर वहां इतने सारे पेड़ काटे जाएंगे तो पर्यावरण को नुकसान होगा। शहर का तापमान अब 1950 के बाद से सबसे अधिक है। इसलिए पेड़ काटना बंद करें।