शिक्षक भर्ती घोटाला: जांच एजेंसियों के खिलाफ कुंतल घोष के आरोपों के मामले में CBI ने की जेल अधीक्षक से पूछताछ
टीएमसी के निष्कासित नेता कुंतल घोष ने केंद्रीय एजेंसियों पर आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां उन पर शिक्षा विभाग के भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तारी के बाद तृणमूल से निष्कासित नेता कुंतल घोष द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर सीबीआइ ने कोलकाता के अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल के अधीक्षक देबाशीष चक्रवर्ती से पूछताछ की है।
घोष ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां उन पर शिक्षा विभाग के भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव डाल रही थीं।
घोष ने स्थानीय थाने और धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के एक न्यायाधीश को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसियों पर इस आशय का आरोप लगाया था। सूत्रों ने कहा कि सीबीआइ अधिकारी चक्रवर्ती से पूछताछ यह जानना चाह रहे हैं कि क्या उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था और कैदी की याचिका दायर करने से पहले घोष ने उनकी मंजूरी मांगी थी।
जेल कर्मचारी के बारे जानकारी जुटा रही सीबीआइ
सीबीआइ उस जेल कर्मचारी के बारे में जानकारी मांग रहे हैं, जिसने घोष का पत्र स्थानीय थाने और पीएमएलए की विशेष अदालत के न्यायाधीश के कार्यालय तक पत्र पहुंचाया था। सीबीआइ और ईडी दोनों के वकीलों ने इस कैदी की याचिका अलग से दायर करने के औचित्य पर सवाल उठाया है, जबकि घोष के वकील ने कभी भी अदालत के भीतर इस तरह का आरोप नहीं लगाया था।
टीएमसी नेताओं पर दबाव बना रहीं केंद्रीय एजेंसियां: अभिषेक बनर्जी
केंद्रीय एजेंसी के वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि घोष ने ये आरोप अभिषेक बनर्जी द्वारा इसी तरह के आरोप लगाने के एक दिन बाद लगाया था। अभिषेक ने केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर दबाव बनाने की बात कही थी।
हाल ही में, सीबीआइ के अधिकारियों ने घोष से प्रेसिडेंसी जेल में इस संबंध में भी पूछताछ की थी। मुख्य सवाल यह था कि क्या घोष ने किसी तरह के दबाव में ये कैदी की याचिकाएं दायर की थीं। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि घोष ने बताया कि उन पर पत्र लिखने का कोई दबाव नहीं था।

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