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पश्चिम बंगाल: सरकारी आवास में रहते हुए किराए के लिए 16.40 लाख रुपये ले चुके हैं मुख्य सचिव- शुभेंदु अधिकारी

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव किराया मुक्त आवास का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन फिर भी वे सरकार से 16.40 लाख रुपये आवास किराया के तौर पर ले चुके हैं। (फाइल फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiPublished: Tue, 24 Jan 2023 04:23 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 04:25 PM (IST)
पश्चिम बंगाल: सरकारी आवास में रहते हुए किराए के लिए 16.40 लाख रुपये ले चुके हैं मुख्य सचिव- शुभेंदु अधिकारी
पश्चिम बंगाल: सरकारी आवास में रहते हुए किराए के लिए 16.40 लाख रुपये ले चुके हैं मुख्य सचिव

कोलकाता, जेएनएन। पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि द्विवेदी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सुवेंदु ने एक चिट्ठी भी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने कहा कि हरि कृष्ण द्विवेदी को इस पत्र के जवाब में बताना चाहिए कि उन पर लगे हुए आरोप सही हैं या गलत।

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16.40 लाख रुपये किराया ले चुके द्विवेदी

शुभेंदु का दावा है कि द्विवेदी मुख्य सचिव रहते हुए राज्य सरकार से 16.40 लाख रुपये आवास किराया के तौर पर ले चुके हैं, जबकि वह राज्य सरकार की ओर से दो किराया मुक्त आवास का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि द्विवेदी 30 सितंबर 2020 को राज्य के गृह सचिव के तौर पर नियुक्त हुए थे। इसके बाद वो पदोन्नति कर मुख्य सचिव बने। शुभेंदु ने आरोप लगाया कि उन्होंने हाऊस रेंट के तौर पर बंगाल सरकार से 16.40 लाख रुपये लिया है।

शुभेंदु ने कहा कि हाल ही में उन्होंने जो वार्षिक अचल संपत्ति का रिटर्न दाखिल किया है, उसमें इस बात का जिक्र है कि उन्होंने राजारहट न्यूटाउन में एक चार मंजिला बंगले को किराए पर दिया है। इससे उन्हें 15 लाख 84 हजार रुपये की आमदनी हुई है। न्यूटाउन के सिटी गार्डन के एक फ्लैट को भी किराए पर उन्होंने दिया है जिससे उन्हें चार लाख 80 हजार रुपये की आमदनी हुई है।

शुभेंदु के सवाल

शुभेंदु ने बताया कि सचिवालय में मौजूद मेरे सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है कि मुख्य सचिव लगातार इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्हें तुरंत इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। अगर वह राज्य सरकार की ओर से किराया मुक्त आवास का इस्तेमाल कर रहे हैं, तब फिर वह राज्य से आवासीय किराए के तौर पर रुपये क्यों लेते रहे हैं? अगर वह जवाब नहीं देते हैं तो इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाया जाएगा।

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