सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 26 हजार लोगों की नौकरियां रद, बंगाल में शिक्षक बोले- बिना टीचर कैसे होगी पढ़ाई?
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 2016 एसएससी पैनल में शामिल लगभग 26000 लोगों की नौकरियां रद कर दीं। प्रधानाध्यापक सवाल उठा रहे हैं कि उनकी अनुपस्थिति में कक्षा में ये विषय कैसे पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 11 शिक्षक रोते हुए स्कूल से चले गए। इस बार स्कूल में विज्ञान विषय कैसे पढ़ाया जाएगा?

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का कहना है कि एक साथ इतने सारे शिक्षकों की नौकरी चले जाने से स्कूल चलाना असंभव हो जाएगा। कुछ प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। यदि इतने लंबे समय से अध्यापन कर रहे लोग भी इस बार अपनी नौकरी खो देंगे तो जिले की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।
एक अधिकारी के अनुसार परीक्षा की तैयारी से लेकर प्रशासनिक कार्य और विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के क्रियान्वयन तक सभी क्षेत्रों में समस्याएं होंगी। यदि हम शीघ्र भर्ती नहीं करेंगे तो यह एक बड़ी समस्या होगी। मुर्शिदाबाद के फरक्का स्थित अर्जुनपुर हाई स्कूल के 60 शिक्षकों में से 36 अपनी नौकरी खो चुके हैं।
कई जिलों में नौकरियां रद
प्रधानाध्यापक ने कहा कि अब 24 शिक्षकों द्वारा स्कूल में हजारों छात्रों को पढ़ाना कैसे संभव है? दक्षिण दिनाजपुर जिला प्रशासन सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिले में कम से कम 500 शिक्षकों की नौकरियां रद कर दी गई हैं। दक्षिण 24 परगना के कुलतली विधानसभा क्षेत्र के जामताला भगवानचंद्र हाई स्कूल के 10 और शिक्षकों की नौकरी रद कर दी गई।
स्कूल के प्रधानाध्यापक शांतनु घोषाल के अनुसार जिन लोगों की नौकरी चली गयी उनमें से अधिकांश गणित और विज्ञान के शिक्षक थे। प्रधानाध्यापक सवाल उठा रहे हैं कि उनकी अनुपस्थिति में कक्षा में ये विषय कैसे पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 11 शिक्षक रोते हुए स्कूल से चले गए। इस बार स्कूल में विज्ञान विषय कैसे पढ़ाया जाएगा? इसके अलावा स्कूल में कक्षा 5 से 10 तक की परीक्षाएं चल रही हैं। स्कूल में लगभग तीन हजार छात्र हैं। मैं स्कूल कैसे चलाऊंगा?
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