Bengal Protest: कुर्मी समाज के आंदोलन के कारण बंगाल में चौथे दिन रेल सेवाएं रही बाधित, अब तक 308 ट्रेनें रद
अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने सहित अन्य मांगों को लेकर कुर्मी समाज द्वारा बंगाल के दो रेलवे स्टेशनों पर पिछले चार दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन तथा रेल नाकाबंदी आंदोलन के कारण बंगाल व झारखंड की सीमा से लगे इलाकों में ट्रेन सेवा पूरी तरह चरमरा गई है। Photo- AP

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने सहित अन्य मांगों को लेकर कुर्मी समाज द्वारा बंगाल के दो रेलवे स्टेशनों पर पिछले चार दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन तथा रेल नाकाबंदी आंदोलन के कारण बंगाल व झारखंड की सीमा से लगे इलाकों में ट्रेन सेवा पूरी तरह चरमरा गई है।
शनिवार को लगातार चौथे दिन राज्य के आदिवासी बहुल पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा व पुरुलिया जिलों में ट्रेन सेवाएं पूरी तरह बाधित रही। दक्षिण पूर्व रेलवे (दपूरे) ने एक बयान में बताया कि आंदोलन के परिणामस्वरूप पांच अप्रैल से अब तक कुल 308 ट्रेनों को रद किया जा चुका है।
बंगाल में कई ट्रेनें रद
इनमें शनिवार को दपूरे की 72 मेल, एक्सप्रेस तथा लोकल ट्रेनें रद रही। इसके अलावा कई ट्रेनों को उनके गंतव्य से पहले बीच में ही रोकने के साथ कुछ के मार्ग में परिवर्तन किया गया। दपूरे द्वारा जारी बयान के अनुसार, खड़गपुर मंडल के खड़गपुर-टाटानगर खंड में पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खेमासुली स्टेशन और आद्रा मंडल में पुरुलिया जिले के कुस्तौर स्टेशन पर कुर्मी समुदाय के सदस्यों द्वारा बुधवार सुबह पांच बजे से रेलवे ट्रैक को जाम कर किए जा रहे लगातार प्रदर्शन के चलते ट्रेन सेवा पर व्यापक असर पड़ा है।
रेल नाकाबंदी के कारण स्थानीय और लंबी दूरी के यात्री बेहाल हैं और उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दपूरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) आदित्य चौधरी ने बताया कि शनिवार को रद की गई कुछ प्रमुख ट्रेनों में हावड़ा-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस, हावड़ा- मुंबई गीतांजलि एक्सप्रेस, हावड़ा बारबिल जन शताब्दी एक्सप्रेस, शालीमार- एलटीटी एक्सप्रेस, अहमदाबाद-हावड़ा- अहमदाबाद एक्सप्रेस, हावड़ा- बोकारो स्टील सिटी एक्सप्रेस व अन्य शामिल हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग को भी कर रखा है ठप
रेल नाकाबंदी के साथ प्रदर्शनकारियों ने खड़गपुर थाना क्षेत्र के खेमासुली में मंगलवार सुबह से कोलकाता को मुंबई से जोड़ने वाले पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) छह को भी पूरी तरह अवरुद्ध कर रखा है, जिसके चलते लगे जाम में कई किलोमीटर तक सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं।
ट्रैक खाली कराने के लिए लगातार राज्य प्रशासन के संपर्क में है रेलवे
दपूरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) आदित्य चौधरी ने बताया कि इस आंदोलन का रेलवे से कोई लेना-देना नहीं है। बावजूद प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर रखा है। ट्रैक को खाली कराने और ट्रेन सेवा सुचारू करने के लिए हमलोग लगातार राज्य सरकार व जिला प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं, ताकि इसका समाधान निकलें।
रेलवे अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं और वे भी प्रदर्शनकारियों से लगातार ट्रैक खाली करने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि यात्रियों को जो तकलीफ हो रही है वह न हो। लेकिन, प्रदर्शनकारी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। इधर, प्रदर्शनकारियों का स्पष्ट कहना है कि जब तक राज्य सरकार कोई आश्वासन नहीं देती तब नहीं हटेंगे।
बता दें कि कुर्मी को वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इनकी मांगों में समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता, सरना धर्म को मान्यता और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करना शामिल है। समुदाय के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को इस मामले में एक व्यापक रिपोर्ट भेजने के लिए राज्य सरकार की अनिच्छा, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के तहत कुर्मी समुदाय की मान्यता की प्रक्रिया को बाधित कर रही है।
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