Kolkata: आर्थिक प्रगति के लिए बैंकों को सही संतुलन बनाना होगा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति ने कोविड-19 के दौरान वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) की भूमिका की भी सराहना करते हुए कहा कि फिनटेक ने सामाजिक समानता लाने में मदद दी। यूपीआइ देश में बुनियादी डिजिटल ढांचा बनाने में महामारी के दौरान लेनदेन निपटाने में मददगार रहा है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को परिसंपत्तियों का सृजन करने और जनता के धन की रक्षा करने के बीच सही संतुलन बनाना चाहिए। बंगाल दौरे के दूसरे दिन यहां यूको बैंक के 80 साल पूरे होने के अवसर पर कोलकाता के साइंस सिटी में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस संतुलन के गड़बड़ाने से समस्या खड़ी हो जाएगी जिससे विकास की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
50 नई शाखाओं का किया उद्घाटन
इस अवसर पर मुर्मु ने देश के 18 राज्यों में यूको बैंक की 50 नई शाखाओं का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन भी किया। उन्होंने यूको बैंक की सीएसआर पहल के तहत ओडिशा के रायरंगपुर में श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास भी किया। इसी स्कूल में कभी मुर्मु शिक्षिका के तौर पर पढ़ा भी चुकी हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा, बैंकों की पहली जिम्मेदारी जनता के धन की रक्षा करना है। उनका दूसरा अहम पहलू है परिसंपत्तियों का सृजन करना। इस संतुलन को कायम रखना जरूरी है अन्यथा आर्थिक समस्या खड़ी हो जाएगी। उन्होंने आगाह किया कि सही संतुलन बिठाने में होने वाली विफलता ने कभी-कभी विश्व के विभिन्न भागों में आर्थिक चिंताओं को जन्म दिया है।
बैंक उन लाखों लोगों के भरोसे को बनाए रखने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं, जो अपने बचत के पैसों को बैंकों में रखते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यूको बैंक के पेशेवर कर्मचारी और सतर्क नेतृत्व प्रभावी तरीके से इन जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
फिनटेक ने सामाजिक समानता लाने में की मदद: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि यूको बैंक 1943 में अपनी स्थापना के बाद से बैंकिंग क्षेत्र में मार्गदर्शक और अग्रणी रहा है। इसने कृषि, उद्योग, व्यापार, आधारभूत संरचना और सामाजिक कल्याण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ऋण तथा वित्तीय सेवाएं प्रदान करके हमारे देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यूको बैंक आने वाले वर्षों में अपनी विरासत एवं प्रतिष्ठा को बनाए रखेगा और बदलावों एवं नवाचारों को अपनाते हुए अपने मूलभूत मूल्यों एवं सिद्धांतों के प्रति वचनबद्ध रहेगा।
राष्ट्रपति ने कोविड-19 के दौरान वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) की भूमिका की भी सराहना करते हुए कहा कि फिनटेक ने सामाजिक समानता लाने में मदद दी। यूपीआइ देश में बुनियादी डिजिटल ढांचा बनाने में महामारी के दौरान लेनदेन निपटाने में मददगार रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में, व्यापक पैमाने पर, यहां तक कि सबसे गरीब एवं दूरदराज के इलाकों में भी फिनटेक को अपनाया जाना इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोग ऐसी तकनीक को अपनाने के लिए तैयार हैं जो उन्हें सशक्त बनाती हो और सामाजिक न्याय प्रदान करती हो। समारोह में राज्यपाल सीवी आनंद बोस, राज्य की वित्त मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य, राज्यमंत्री बीरबाहा हांसदा एवं यूके बैंक के एमडी व सीइओ सोमा शंकर प्रसाद मौजूद रहे।
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