West Bengal: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सम्मान समारोह पर सुवेंदु अधिकारी बोले- मुझे नहीं किया गया आमंत्रित
राष्ट्रपति सोमवार दोपहर करीब 12 बजे कोलकाता पहुंचीं। मुख्यमंत्री ने रेस कोर्स में राष्ट्रपति का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने द्रौपदी मुर्मु को उत्तरी वस्त्र पहनाकर और फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। उनके साथ राज्य की मंत्री बीरबाहा हांसदा भी थीं। वहीं सुवेंदु दिल्ली में थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार राज्य में कदम रखा। तृणमूल सरकार की ओर से उनका नागरिक सम्मान किया गया। जिसकी मुख्य कर्ताधर्ता खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति के प्रति इस सम्मान को लेकर तृणमूल पर निशाना साधा।
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मु के खिलाफ वोट देने वाले अब उनका सम्मान करने के लिए खड़े हैं। लेकिन जिन भाजपा विधायकों ने द्रौपदी को वोट दिया था, वे इस आयोजन में आमंत्रित नहीं हैं। सुवेंदु ने यह कहते हुए बंगाल की सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री ने रेस कोर्स में राष्ट्रपति का स्वागत किया
राष्ट्रपति सोमवार दोपहर करीब 12 बजे कोलकाता पहुंचीं। मुख्यमंत्री ने रेस कोर्स में राष्ट्रपति का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने द्रौपदी मुर्मु को उत्तरी वस्त्र पहनाकर और फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। उनके साथ राज्य की मंत्री बीरबाहा हांसदा भी थीं। वहीं सुवेंदु दिल्ली में थे।
नेता प्रतिपक्ष ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक में थे। बाद में दो सांसदों लाकेट चटर्जी और सौमित्र खां के साथ दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन कर सुवेंदु ने तृणमूल पर हमला बोला।
राष्ट्रपति चुनाव के वक्त को सुवेंदु अधिकारी ने किया याद
उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति के सम्मान में राज्य द्वारा आयोजित समारोह में उन्हें नहीं बुलाया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के निमंत्रण पत्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री का नाम रखा गया है। मुझे आमंत्रित नहीं किया गया।
राष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल की स्थिति को याद करते हुए सुवेंदु ने चुटकी लेते हुए कहा कि ममता बनर्जी के सांसद-विधायकों ने द्रौपदी मुर्मु को वोट नहीं दिया। जिन्होंने वोट नहीं दिया, उन्हें धामसा-मदल, फूल और शाल भेंट कर रहे हैं और वोट करने वाले भाजपा के 70 विधायकों को न्यौता नहीं मिला। उन्होंने इसे लेकर ट्वीट भी किया।
अतीत में तृणमूल ने राष्ट्रपति का अपमान किया था: सुवेंदु अधिकारी
राष्ट्रपति चुनाव पिछले साल 18 जुलाई को हुआ था। इस चुनाव में द्रौपदी को एनडीए खेमे से उम्मीदवार बनाया गया था। यशवंत सिन्हा तृणमूल सहित भाजपा विरोधी दलों के उम्मीदवार थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार और सुवेंदु ने उस समय ममता को पत्र लिखकर उनसे द्रौपदी को वोट देने का अनुरोध किया था।
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि अतीत में तृणमूल ने राष्ट्रपति का अपमान किया था। राज्य के जेल मंत्री अखिल गिरी ने राष्ट्रपति के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था। आखिर में ममता ने खुद माफी मांगी थी। सोमवार को सुवेंदु ने कहा कि जो लोग एक हाशिये पर पड़े इंसान को हराना चाहते थे, जिन्होंने उनके धर्म पर सवाल उठाया, वह आज उनका सम्मान कर रहे हैं। यह देखकर अच्छा लग रहा है।