Kolkata: ममता सरकार भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक को दे सकती है चुनौती, राष्ट्रगान के कथित अपमान का है मामला
कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को बंगाल सरकार को राष्ट्र गान के कथित अपमान का आरोप लगाने वाली एक शिकायत पर भाजपा के कई विधायकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर कार्रवाई करने को लेकर एकल पीठ द्वारा लगाई गई रोक को चुनौती देने के लिए अपील दायर करने की अनुमति दे दी। इससे पहले संबंधित प्राथमिकी पर 17 जनवरी तक कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को बंगाल सरकार को राष्ट्र गान के कथित अपमान का आरोप लगाने वाली एक शिकायत पर भाजपा के कई विधायकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर कार्रवाई करने को लेकर एकल पीठ द्वारा लगाई गई रोक को चुनौती देने के लिए अपील दायर करने की अनुमति दे दी।
भाजपा विधायकों को भेजा गया था नोटिस
कोलकाता पुलिस द्वारा पांच भाजपा विधायकों को एक शिकायत पर नोटिस भेजा गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पिछले महीने बंगाल विधानसभा परिसर में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों द्वारा राष्ट्रगान गाए जाने के दौरान उसका अपमान किया था। भाजपा विधायक शंकर घोष और अन्य ने पार्टी विधायकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद करने की प्रार्थना करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
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17 जनवरी तक कार्रवाई पर लगी थी रोक
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने सात दिसंबर को प्राथमिकी पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर 17 जनवरी तक अंतरिम रोक लगा दी थी। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति मांगी थी। इस पीठ में न्यायमूर्ति हिरनमय भट्टाचार्य भी शामिल थे।
मामले में 20 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
पीठ ने राज्य को अपील की प्रतियां प्रतिवादियों को देने का निर्देश दिया और कहा कि वह 20 दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगी। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा भाजपा विधायकों पर राज्य सरकार विरोधी नारे लगाने और राष्ट्रगान गाए जाने के दौरान खड़े नहीं होने का आरोप लगाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दोनों समूह 29 नवंबर को अलग-अलग मुद्दों पर धरना दे रहे थे और एक दूसरे के करीब ही थे।
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