Murshidabad Violence: 'सब जला दिया, कुछ नहीं बचा और पुलिस भी...', हिंसा का खौफनाक मंजर को याद कर पीड़िता ने सुनाई आपबीती
Murshidabad Violence पिछले दिनों वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ स्थानीय लोगों के घरों में भी तोड़फोड़ की थी। वहीं दूसरी ओर दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में पुलिस के साथ उपद्रवियों की झड़प के बाद अभी भी तनाव व्याप्त है। हिंसा पीड़ित खुशबू दास ने बताया कि हमारी दुकानें और घर जलाए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पुलिस व केंद्रीय बल की तैनाती के बावजूद मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त इलाकों सुती, धुलियान, जंगीपुर में लोग अभी भी खौफ में हैं। पीड़ितों का कहना है कि उपद्रवियों ने उनका घर-बार सब कुछ जला दिया। उन्हें डर है कि पुलिस व केंद्रीय बल के चले जाने के बाद उन पर फिर से हमला हो सकता है।
वहीं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि पलायन कर गए लोगों में आज लगभग 100 की सुरक्षित वापसी कराए जाने की संभावना है। इसके अलावा पिछले दिन हिंसा के दौरान दो लोगों (पिता-पुत्र) की हत्या के मामले में पुलिस ने दो लोगों गिरफ्तार किया है।
उपद्रवियों ने स्थानीय लोगों के घरों में की तोड़फोड़
बता दें कि पिछले दिनों वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ स्थानीय लोगों के घरों में भी तोड़फोड़ की थी। वहीं दूसरी ओर दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में पुलिस के साथ उपद्रवियों की झड़प के बाद अभी भी तनाव व्याप्त है।
हिंसा पीड़ित खुशबू दास ने बताया," हमारी दुकानें और घर जलाए गए हैं। पुलिस ने मदद नहीं की, हम बीएसएफ कैंप चाहते हैं। धुलियान की रहने वाली प्राजक्ता दास ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि हम शांति और सुरक्षा चाहते हैं और हम यह जानना चाहते हैं कि यह स्थिति क्यों पैदा हुई। मिन्नतें करने के बावजूद उपद्रवियों ने हमें नहीं बख्शा। हम यहां केंद्रीय बलों का एक स्थायी शिविर चाहते हैं ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न हो।"
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई है। दर्जनों घायल हो गए जिनमें 18 पुलिसकर्मी शामिल थे। इस मामले में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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