Molestation Case: बंगाल के राज्यपाल ने आम लोगों को दिखाए राजभवन के CCTV फुटेज, CM और पुलिस को क्यों नहीं मिली एंट्री?
बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने राजभवन की एक अस्थाई महिला कर्मचारी द्वारा अपने खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने की पृष्ठभूमि में गुरुवार को सच के सामने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए करीब 100 लोगों को राजभवन परिसर से जुड़े दो मई के सीसीटीवी फुटेज दिखाए। इस फुटेज में राज्यपाल के खिलाफ शिकायत करने वाली महिला भी नजर आईं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने राजभवन की एक अस्थाई महिला कर्मचारी द्वारा अपने खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने की पृष्ठभूमि में गुरुवार को 'सच के सामने' कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए करीब 100 लोगों को राजभवन परिसर से जुड़े दो मई के सीसीटीवी फुटेज दिखाए।
लोगों को दो मई की शाम 5.30 बजे के बाद के करीब एक घंटा 19 मिनट के फुटेज राजभवन के भूतल में एक बड़े कक्ष में दिखाए गए। ये फुटेज राजभवन के मुख्य उत्तरी गेट पर लगे दो सीसीटीवी कैमरों से लिए गए थे। फुटेज देखने वालों में ज्यादातर पत्रकार थे।
क्या है पूरा मामला?
राजभवन की एक संविदा कर्मचारी ने पिछले गुरुवार को कोलकाता पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि बोस ने 24 अप्रैल और दो मई को राजभवन में उसके साथ छेड़छाड़ की थी। हालांकि, राज्यपाल ने आरोप को खारिज किया था और दावा किया था कि चुनाव में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए ये आरोप लगाए गए हैं।
राज्यपाल ने दिया था ये निर्देश
राज्यपाल ने बुधवार को घोषणा की थी कि वह राजनीतिक नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पुलिस को छोड़कर आम लोगों को संबंधित सीसीटीवी फुटेज दिखाएंगे। राज्यपाल पर आरोप के बाद पुलिस ने राजभवन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज साझा करने का अनुरोध किया था। राज्यपाल ने हालांकि, अपने कर्मचारियों को इस संबंध में पुलिस के साथ सहयोग नहीं करने का निर्देश दिया था।
100 लोगों ने देखा सीसीटीवी फुटेज
राजभवन ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट करके उन आरोपों की पृष्ठभूमि में आम नागरिकों को सीसीटीवी फुटेज देखने के लिए आमंत्रित किया कि राजभवन छेड़छाड़ के कथित मामले में पुलिस को फुटेज उपलब्ध नहीं करा रहा है। उन्होंने लोगों से राजभवन में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ईमेल या फोन पर अनुरोध भेजने को कहा और पहले पंजीकरण कराने वाले करीब 100 लोगों को राजभवन के अंदर फुटेज देखने की अनुमति दी।
फुटेज में शिकायत करने वाली महिला भी आईं नजर
इस फुटेज में राज्यपाल के खिलाफ शिकायत करने वाली महिला भी नजर आईं। नीली जींस और टाप पहने महिला को राजभवन परिसर में पुलिस चौकी की ओर जाते देखा गया। उस दिन रात्रि विश्राम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निर्धारित यात्रा के मद्देनजर राजभवन परिसर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात दिखे। हालांकि, राजभसन के अंदर का फुटेज नहीं दिखाया गया। राज्यपाल भी फुटेज में नहीं दिखे।
महिला ने लगाया था कॉन्फ्रेंस रूम में छेड़खानी करने का आरोप
महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि राजभवन के कॉन्फ्रेंस रूम में उसके साथ छेड़खानी की गई। राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि बहुत लोगों ने मेल या फोन करके सीसीटीवी फुटेज देखने की इच्छा जताई। हालांकि, दूरी के चलते उनमें से बहुत नहीं पहुंचे।
सीएम और पुलिस ने क्यों नहीं देखा फुटेज
वहीं, आसनसोल से फुटेज देखने पहुंचे प्रोफेसर तुषार कांति मुखर्जी ने कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि राज्यपाल पर ऐसे आरोप लगाए जा सकते हैं। इसलिए वे फुटेज देखने आए। उनके अनुसार, महिला के व्यवहार में कोई असामानता नहीं दिखी। राजभवन ने कहा कि मुख्यमंत्री और पुलिस को इस मुद्दे पर उनके रूख यानी शरारती और मनगढंत आरोपों के मद्देनजर फुटेज देखने के निमंत्रण के दायरे से बाहर रखा गया।
तृणमूल ने साधा निशाना
इधर, तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता व मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राजभवन का फुटेज फुस्स हो गया। उन्होंने सवाल किया कि राज्यपाल जांच से क्यों डर रहे हैं।
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