HMPV Virus: 'हल्का बुखार होने पर भी डराया जा रहा', वायरस के बढ़ते मामलों के बीच ममता बनर्जी ने ऐसा क्यों कहा?
देश के कई राज्यों में अब तक HMPV वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। जिसे लेकर देश भर में लोग डरे हुए हैं। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) इस समय चिंता का कोई कारण नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने नाम लिए बिना प्राइवेट रैकेट(निजी अस्पताल) को लेकर भी सभी को आगाह किया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) इस समय चिंता का कोई कारण नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को गंगासागर से कोलकाता लौटने के बाद ये बात कहीं। साथ ही उन्होंने नाम लिए बिना 'प्राइवेट रैकेट'(निजी अस्पताल) को लेकर भी सभी को आगाह किया।
बिना नाम लिए मुख्यमंत्री ने विभिन्न निजी अस्पतालों की 'अत्यधिक बिल' वसूलने की प्रवृत्ति पर हमला किया। साथ ही कहा कि हल्का बुखार होने पर भी डराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री गंगासागर से हेलीकाप्टर से हावड़ा के डुमुरजाल हेलीपैड पर उतरीं और राज्य के लोगों से नए 'चीनी वायरस' को लेकर निश्चिंत रहने को कहा।
प्राइवेट रैकेट को लेकर लोगों को किया जागरूक
उन्होंने कहा कि वायरस के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है। अगर चिंता की कोई वजह होगी तो हम इसकी जानकारी देंगे। इसके साथ ही उन्होंने 'प्राइवेट रैकेट' के बारे में सभी को जागरूक किया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कुछ 'प्राइवेट रैकेट' हैं, जो पैसा कमाने के लिए डरा-धमकाकर काम करती हैं। उन्होंने आग्रह किया कि लोग उनके इस जाल में न फंसें।
चीन में हाल ही में एचएमपीवी के एक रूप का संक्रमण बढ़ गया है। इसके बाद से भारत समेत अन्य देशों के लोग चिंतित हैं। चीन के इस हालात के बीच भारत में भी एचएमपीवी वायरस के संक्रमण की खबरें आने लगी हैं।
सबसे पहले खबरें आईं कि बेंगलुरु में दो बच्चे इस वायरस से संक्रमित हुए हैं। इनमें से एक आठ महीने का है, दूसरा तीन महीने का है। बेंगलुरु की खबर फैलते ही लोगों के मन में चिंता बढ़ गई। बेंगलुरु के दो बच्चों के अलावा, अहमदाबाद के एक बच्चे और मुंबई से कोलकाता के एक बच्चे के भी एचएमपीवी से संक्रमित होने की सूचना मिली है।
पहली बार नीदरलैंड में हुई थी HMPV की एंट्री
2001 में नीदरलैंड में पहली बार इसकी पहचान हुई थी। HMPV एक श्वसन वायरस है जो हल्की बीमारियों से लेकर ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है। यह श्वसन बूंदों के माध्यम से फैलता है और सर्दियों और शुरुआती वसंत के दौरान अधिक प्रचलित होता है।
वहीं, कर्नाटक के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, वयस्कों में निमोनिया के लगभग 10% मामले और बच्चों में वायरल बीमारियों के 4-6% मामले एचएमपीवी के कारण होते हैं।
उन्होंने कहा, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों, बुजुर्गों और प्रतिरक्षा-दमित व्यक्तियों (immune-suppressed individuals) जैसी संवेदनशील आबादी के लिए ज्यादा खतरा है।
भारत में वायरस का प्रसार क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग है, जो 1% से 19% तक है। वैश्विक मान्यता के बावजूद, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दोहराया है कि एचएमपीवी के लिए शायद ही कभी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है और समय पर हस्तक्षेप से इसका प्रबंधन किया जा सकता है।

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