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    'जान दे दूंगी, पर किसी को अपनी...', CM ममता बनर्जी ने बंगाल में शुरू किया 'भाषा आंदोलन'; BJP पर साधा निशाना

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 11:30 PM (IST)

    मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बोलपुर से भाषा आंदोलन की शुरुआत की और भाजपा पर बांग्लाभाषियों पर अत्याचार का आरोप लगाया। उन्होंने एनआरसी को बंगाल में लागू न होने देने की बात कही। ममता ने कहा कि भाजपा बांग्ला की पहचान मिटाने की कोशिश कर रही है जबकि उन्होंने कभी हिंदी भाषियों को बंगाल छोड़ने के लिए नहीं कहा।

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    ममता बनर्जी ने सोमवार को बीरभूम जिले के बोलपुर से राज्यव्यापी 'भाषा आंदोलन' की शुरुआत की।(फोटो सोर्स: पीटीआई)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने देशभर में प्रवासी बांग्लाभाषियों पर कथित हमले के विरोध में सोमवार को बीरभूम जिले के बोलपुर से राज्यव्यापी 'भाषा आंदोलन' की शुरुआत करते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा।

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    उन्होंने राज्य में नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजंस (एनआरसी) लागू नहीं होने देने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

    ममता ने कहा कि बांग्ला दुनिया में पांचवीं व एशिया में दूसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, फिर भी भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों पर अत्याचार हो रहे हैं। भाजपा बांग्ला की पहचान मिटाने की कोशिश कर रही है जबकि मैंने कभी हिंदी भाषियों से नहीं कहा कि आप बंगाल छोड़कर चले जाओ। मैं जान दे दूंगी लेकिन किसी को अपनी भाषा छीनने की इजाजत नहीं दूंगी।

    केंद्र ने बंगाल को उसका बकाया नहीं दिया: ममता बनर्जी 

    ममता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने विदेश दौरे के समय कभी धार्मिक पहचान पर सवाल नहीं करते। जब वे अरब देशों की यात्रा पर जाते हैं तो क्या शेख से यह पूछकर गले मिलते हैं कि वे हिंदू हैं या मुसलमान?

    क्या उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति से गले मिलते वक्त उनसे उनका धर्म पूछा था? केंद्र ने बंगाल को उसका बकाया नहीं दिया, जबकि पड़ोसी देश को 5,000 करोड़ रुपये दान दे दिए।

    आयोग पिछले दरवाजे से एनआरसी के लिए प्रयास कर रहा

    ममता ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का परोक्ष संदर्भ देते हुए आरोप लगाया कि केंद्र के इशारे पर चुनाव आयोग पिछले दरवाजे से एनआरसी लागू करने का प्रयास कर रहा है।

    उन्होंने दोहराया कि वह बंगाल में न तो एनआरसी लागू होने देंगी और न ही डिटेंशन सेंटर स्थापित करने देंगी। ममता ने बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को परोक्ष तौर पर चेतावनी देते हुए कहा- आप मतदाता सूची से प्रामाणिक मतदाताओं के नाम न काटें। लोगों को परेशानी न हो, इसका ध्यान रखें। याद रखें कि आप राज्य सरकार के कर्मचारी हैं।

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