Lunar Eclipse 2023: पश्चिम बंगाल में नजर आएगा चंद्रग्रहण? जानिए समय से लेकर सभी जानकारी
Lunar Eclipse 2023 साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण आज यानी 5 मई को पड़ रहा है। यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। पश्चिम बंगाल में उपच्छाया चंद्र ग्रहण का कुछ हिस्सा दिखाई देगा। जानिए क्या होगा समय। (जागरण फोटो)

कोलकाता, जागरण डेस्क। Lunar Eclipse 2023: साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को पड़ रहा है। यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। भारत के कुछ हिस्सों में चंद्रग्रहण दिखाई देगा। लोग इस खगोलीय घटना को देख सकेंगे। यह ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा पर 130 साल बाद लग रहा है। साल 2023 का पहला चंद्रग्रहण पश्चिम बंगाल में भी दिखाई देगा।
8 बजकर 44 मिनट दिखाई देगा चंद्रग्रहण
टाइम एंड डेट कॉम के अनुसार पश्चिम बंगाल के कोलकाता और दुर्गापुर शहर में चंद्रग्रहण दिखाई देगा। उपछाया चंद्र ग्रहण कोलकाता में शुक्रवार की रात 8 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा और शनिवार की रात 1 बजकर 1 मिनट पर उपछाया चंद्र ग्रहण समाप्त हो जाएगा। वहीं, अधिकतम ग्रहण 5 मई को 10:52:59 तक रहेगा। पश्चिम बंगाल में उपछाया चंद्र ग्रहण 4 घंटे 18 मिनट तक रहेगा। राज्य में चंद्रग्रहण का बहुत थोड़ा सा भाग दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण कहां दिखाई देगा?
उपछाया चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, अंटार्कटिका और यूरोप के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। इसे नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, वाराणसी, मथुरा, पुणे, सूरत, कानपुर, विशाखापत्तनम, पटना, ऊटी, चंडीगढ़, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा, इंफाल, ईटानगर, कोहिमा सहित भारत के सभी शहरों में देखा जा सकेगा।
भारत में सूतक काल मान्य है या नहीं?
भारत के कुछ हिस्सों में चंद्रग्रहण दिखाई देगा। हालांकि इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक नजरिए से जब भी उपच्छाया चंद्रग्रहण लगता है तो इसको ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण के होने पर ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। हालांकि आज सूतक काल मान्य नहीं होगा।
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उपछाया चंद्र ग्रहण क्या होता है
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है और यह तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में आ जाते हैं तब चंद्रगहण होता है। वहीं उपछाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब यह तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में हो लेकिन पृथ्वी की सीधी छाया पर चंद्र पर न पडे़ तो उसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।
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