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    दीवानगीः ट्रेन में आंखें क्या मिली, लड़की की तलाश में चिपका दिए 4000 पोस्टर

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Thu, 30 Aug 2018 04:17 PM (IST)

    ट्रेन में एकतरफा प्यार और लड़की की तलाश में जुटे हैं दिनरात। लड़की की तलाश के लिए 4,000 पोस्टर लगा दिए,7 मिनट की फिल्म बना यूट्यूब पर अपलोड किया है।

    दीवानगीः ट्रेन में आंखें क्या मिली, लड़की की तलाश में चिपका दिए 4000 पोस्टर

    कोलकाता, जेएनएन। लोकल ट्रेन में एक लड़की को देखा और उससे प्यार करने लगा। परंतु, लड़की कहां की है उसके बारे में उसे पता नहीं चल सका। अब इकतरफा प्यार करने वाला यह प्रेमी ने हुगली जिले के कोन्ननगर और हावड़ा के बाली के बीच उस लड़की की तलाश के लिए 4,000 पोस्टर लगा दिए और सात मिनट की एक फिल्म बनाकर यूट्यूब पर अपलोड किया है। कोलकाता के एक सरकारी कर्मचारी ने उस लड़की को खोजने के लिए यह तरकीब अपनाई।

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    बेहला स्थित जोका के रहने वाले और राज्य पर्यावरण विभाग में काम करने वाले 29 वर्षीय विश्र्वजीत पोद्दार साल्टलेक में कार्यरत हैं। जुलाई में एक दिन लोकल ट्रेन में सवार हुए थे तभी उन्होंने एक लड़की को देखा। उसे देखते ही विश्र्वजीत को उससे प्यार हो गया। उस लड़की को खोजने के लिए पोद्दार ने 4000 पोस्टर लगवा दिए। इन पोस्टरों में पोद्दार के मोबाइल नंबर के साथ उनकी फिल्म का यूट्यूब लिंक दिया हुआ है।

    पोद्दार का कहना है कि लोग मुझे पागल कहने लगे हैं। मुझे पता है कि जो मैं कर रहा हूं, वह थोड़ा अजीब है लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता। मैं उसे अपने दिमाग से निकाल नहीं पा रहा। पोद्दार ने 23 जुलाई को तारापीठ से कोन्ननगर आने के लिए लोकल ट्रेन में सवार हुए थे। ट्रेन छूटने से ठीक पहले लड़की अपने माता-पिता के साथ बोगी में आई और उसके सामने वाली सीट पर बैठ गई।

    कोन्ननगर स्टेशन पर बैठे पोद्दार ने कहा, ना ही मैं उसे (लड़की को) किसी परेशानी में डालना चाहता हूं, ना ही उसे बदनाम करना चाहता हूं। मैं यह सब इसलिए कर रहा हूं, ताकि उसे पता लगे कि मैं उसे खोज रहा हूं और अगर वह चाहे तो मुझसे संपर्क करे।

    वहीं पोद्दार की फिल्म को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि उनकी फिल्म किसी कानून का उल्लंघन नहीं करती है। पोद्दार ने कहा, वह अपने माता पिता के साथ बैठी थी, हमारी नजरें मिलीं, वह बात करना चाहती थी, लेकिन कर नहीं पाई। उसने अपना नंबर भी बताने की कोशिश की लेकिन मैं समझ नहीं पाया।

    6 मिनट और 23 सेकंड की फिल्म में पोद्दार ने उस लड़की के किरदार में अपनी एक फ्रेंड को जगह दी है। फिल्म के अंत में पोद्दार स्टेशन पर उसका इंतजार करते हुए लड़की से कहते हैं कि अगर वह इस फिल्म को देखे तो उन्हें संपर्क करे। पोद्दार ने इस फिल्म का नाम कोन्ननगर कोने (कोन्नगर की दुल्हन) रखा है।