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    अब कोई भी बन सकता है आपके बैंक अकाउंट या बीमा पालिसी का नामिनी, RTI दााखिल कर समलैंगिक जोड़े ने मांगा था जवाब

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Sat, 15 Oct 2022 04:59 PM (IST)

    कोलकाता से ताल्‍लुक रखने वाले एक समलैंगिक जोड़े ने आरटीआइ दाखिल कर नामिनी बनाने को लेकर एलआइसी और आरबीआइ से अपनी शंकाए दूर की। दोनों ही संस्‍थाओं ने यह बताया कि नामिनी इंसान अपनी मर्जी के हिसाब से किसी को भी बना सकता है।

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    कोई भी बन सकता है आपके बैंक अकांउट या बीमा पालिसी का नामिनी

    कोलकाता, एजेंसी। कोलकाता के रहने वाले समलैंगिक दंपत्ति सुचंद्रा दास और श्री मुखर्जी ने हाल ही में आरटीआइ (Right to Information) दाखिल कर यह पूछा था कि क्‍या बीमा पालिसी में अपने समलैंगिक पार्टनर को नामिनी बनाया जा सकता है या नहीं, इसके जवाब में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने स्‍पष्‍ट रूप से कह दिया है कि ऐसा बिल्‍कुल किया जा सकता है और इसमें कोई कानूनी रोक-टोक नहीं है।

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    समाचार एजेंसी आइएएनएस से बात करते हुए सुचंद्रा ने बताया कि एलआइसी ने यह साफ-साफ कह दिया है कि जरूरी नहीं है कि आप हर बार अपने परिवार से ही किसी को नामिनी के रूप में चुने। आप अपने किसी परिचित या अजनबी किसी शख्‍स को भी नामिनी बना सकते हैं। 

    नामिनी के लिए निकट संबंधी का होना जरूरी नहीं

    पेशे से एक फोटोग्राफर सुचंद्रा कहते हैं, इसका मतलब यही है कि बीमा धारक अपनी इच्‍छानुसार किसी को भी नामिनी के रूप में चुन सकता है। भले ही वह इंसान उसका निकट संबंधी न हो या न हो। सुचंद्रा के पार्टनर श्री मुखर्जी पेशे से एक डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेश्‍नल हैं।

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    RBI ने जवाब में कही ये बात

    सुचंद्रा ने यह भी बताया कि उन्‍होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से भी यह सवाल पूछते हुए एक आरटीआइ दाखिल किया था कि क्‍या कोई ऐसा व्‍यक्ति जिससे उसकी शादी नहीं हुई है, जिसका उसका कोई खून का रिश्‍ता नहीं है, वह उसके बैंक अकाउंट का नामिनी बन सकता है। सुचंद्रा कहती हैं कि इसके जवाब में बैंक ने कहा, आरबीआइ ने जवाब तो दिया है, लेकिन उनका जवाब एलआइसी जितना स्‍पष्‍ट नहीं है।

    किसी खास को नामिनी बनाने के लिए बैंक नहीं डाल सकता दबाव

    हालांकि, बैंकिंग कंपनी (नामांकन) नियमावली 45 जेड ए और 45 जेड एफ का हवाला देते हुए आरबीआइ ने कहा कि ऐसे किसी शर्त या प्रतिबंध का जिक्र नहीं किया गया है कि नामिनी फलाने को ही बनाना पड़ेगा। खैर, अब तक उन्‍होंने जितना बताया है उससे यही मालूम पड़ता है कि कोई भी बैंक इस बात का दबाव नहीं डाल सकता है कि नामिनी जिसे बनाया जा रहा है जरूरी नहीं है कि वह मुझसे संबंधित ही हो।

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