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    'मजाक चल रहा है, चार साल तक कर क्या रहे थे'; कोलकाता की अदालत ने क्यों लगाई CBI को फटकार?

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 08:06 PM (IST)

    Bengal News कोलकाता कोर्ट ने चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में सीबीआई को फटकार लगाते हुए पूछा कि सबूत दो साल पहले जुटाए गए तो चार साल बाद अतिरिक्त चार्जशीट क्यों पेश की गई। कोर्ट ने कांकुरगाछी में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में 18 लोगों को तलब किया जिनमें तृणमूल विधायक परेश पाल भी शामिल हैं।

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    कोलकाता की अदालत ने क्यों लगाई CBI को फटकार?

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। दो साल पहले सबूत जुटाए गए थे। चार साल बाद अतिरिक्त चार्जशीट क्यों पेश की गई? चुनाव बाद हुई हिंसा मामले में कोर्ट ने यह सवाल उठाकर सीबीआई को फटकार लगाई। जज ने टिप्पणी की कि क्या यह मजाक है?

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    कांकुरगाछी के एक भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की 2021 के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हत्या कर दी गई थी। सीबीआई ने दो दिन पहले उस मामले में अतिरिक्त चार्जशीट पेश की है। इसमें 18 लोगों के नाम हैं। जिसमें बेलेघाटा के तृणमूल विधायक परेश पाल और कोलकाता नगर निगम के दो पार्षद स्वप्न समाद्दार और पापिया घोष शामिल हैं।

    कोर्ट ने सीबीआई से किए ये सवाल

    शुक्रवार को कोलकाता बैंकशाल कोर्ट स्थित विशेष अदालत ने उस मामले में उन सभी 18 लोगों को तलब करने का आदेश दिया। कोर्ट ने चार्जशीट की कापी भी भेजने को कहा। सुनवाई की शुरुआत में कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कैसे की जा सकती है।

    जवाब में सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी आरोपितों के खिलाफ समन जारी कर सकती है। इसके बाद जज ने पूछा कि क्या 18 लोगों में से किसी को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई थी। जवाब में सीबीआई के जांच अधिकारी ने कहा कि नहीं, ऐसा नहीं हुआ।

    कोर्ट ने दिया समन भेजने का आदेश

    जज ने पूछा कि क्या किसी को गिरफ्तार करने की जरूरत थी? जवाब में जांच अधिकारी ने कहा कि नहीं। वे सहयोग कर रहे थे। जज ने सीबीआई से यह भी पूछा कि क्या आरोपित भाग सकते हैं। सीबीआई ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता। इसके आधार पर जज ने कहा कि उस मामले में आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की जरूरत नहीं थी। यह कहकर कोर्ट ने आरोपितों को समन भेजने का निर्देश दिया। कोर्ट ने न सिर्फ उन 18 लोगों को बल्कि उन 20 लोगों को भी समन भेजने का आदेश दिया जिनके नाम मुख्य चार्जशीट में हैं।

    18 जुलाई को होगी मामले की सुनवाई

    जज के इस आदेश के बाद सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि सभी को चार्जशीट भेजने में उन्हें एक महीने का समय लगेगा। इससे जज नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि आप चार साल बाद पूरक आरोप पत्र दाखिल कर रहे हैं। क्या यह 'मजाक की बात' है? आप चार साल तक क्या कर रहे थे? मैंने आरोप पत्र में देखा कि सबूत दो साल पहले एकत्र किए गए थे। न्यायाधीश ने कहा कि जांच का अधिकार दिया गया है, जिसका अर्थ है कि यह आपकी मर्जी पर निर्भर नहीं हो सकता। न्यायाधीश ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को है।

    आरोपियों को भी कोर्ट में रहना होगा उपस्थित

    सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, उस दिन आरोपितों को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा जाएगा। 2021 के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों में व्यापक हिंसा हुई थी। उसी दौरान कांकुड़गाछी में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत की हत्या कर दी गई थी। परिवार का दावा है कि 2 मई को, जिस दिन विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे, अभिजीत की गर्दन में केबल बांधकर उसकी पिटाई की गई और उसकी हत्या कर दी गई।

    उनके बड़े भाई विश्वजीत और मां माधवी देवी की भी पिटाई का भी आरोप है। हालांकि उस घटना में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अन्य आरोपित फरार हैं। पिछले सप्ताह मामले के मुख्य आरोपितों में से एक अरुण दे को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया है।

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