Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'घर वापस आऊंगा... चिंता मत करो', बंगाल ट्रेन हादसे से पहले पिता की बेटी से आखिरी वीडियो कॉल; बर्थडे के लिए जल्दी लौट रहे थे घर

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash
    Updated: Tue, 18 Jun 2024 07:11 PM (IST)

    बंगाल ट्रेन हादसे में कोलकाता के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई। दरअसल शख्स अपनी बेटी का 11वां जन्मदिन मनाने के लिए काम से जल्द लौट रहा था। शख्स ने ट्रेन में चढ़ने से पहले अपनी बेटी के वीडियो कॉल पर भी बात की थी। शख्स ने बेटी से आखिरी बार कहा था कि मैं किसी भी कीमत पर घर वापस आऊंगा... चिंता मत करो।

    Hero Image
    बंगाल ट्रेन हादसे से पहले पिता की बेटी से आखिरी वीडियो कॉल (Image: ANI)

    पीटीआई, कोलकाता। अपनी बेटी का 11वां जन्मदिन मनाने के लिए सुभोजित माली ने सिलीगुड़ी से कोलकाता अपने घर जल्दी लौटने का प्लान बनाया। सारी तैयारियों हो चुकी थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। जब घर पर पिता की मौत की खबर मिली तो पूरा परिवार टूट गया। माली की मौत न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पास रंगापानी में हुई रेल दुर्घटना में हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    माली ने कंचनजंगा एक्सप्रेस में चढ़ने से पहले अपनी बेटी से वीडियो कॉल पर बात की थी, पिता ने वादा किया था कि वह उसके लिए जन्मदिन का केक लाएगा और पूरे परिवार (बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों) के साथ जश्न मनाने के लिए बाहर ले जाएगा।

    किसी भी कीमत पर घर वापस आऊंगा... चिंता मत करो

    अपनी बेटी को 'माँ' कहते हुए, माली ने अपनी आखिरी बातचीत के दौरान अपनी बेटी सृष्टि से कहा था कि 'मैं किसी भी कीमत पर घर वापस आऊंगा... चिंता मत करो।' दक्षिण कोलकाता के एक स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा सृष्टि भी अपने परिवार के अन्य सदस्यों की तरह यह स्वीकार नहीं कर पा रही है कि उसके पिता कभी जीवित घर नहीं लौटेंगे।

    कोलकाता के बल्लीगंज इलाके में जमीर लाइन के निवासी सुभाजीत शुक्रवार को कुछ ऑफिस के काम से सिलीगुड़ी गए थे। मृतक की चचेरी बहन प्रिया प्रधान ने पीटीआई को बताया कि उन्हें कुछ दिनों बाद लौटना था, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के जन्मदिन के कारण सोमवार को ट्रेन पकड़ी।'

    जन्मदिन की वजह से वापस आने की थी जल्दी

    माली के साथ ऑफिस में काम करने वाले उनके एक सहकर्मी सूर्यशेखर पांडा भी सिलीगुड़ी गए थे। सोमवार सुबह, दुर्घटना के बाद, उन्होंने घर पर किसी और के फोन नंबर से कॉल करके खबर दी। प्रधान ने कहा कि सुभाजीत, जिनका एक 1.5 साल का बेटा भी है अपनी नौकरी के सिलसिले में अक्सर देश के उत्तरी राज्यों में जाते थे। वह वहां कारों के उपकरण ले जाते थे। वह पिछले पांच सालों से इस काम में हैं। वह सड़क मार्ग से घर लौटते थे, लेकिन इस बार उन्होंने ट्रेन ली क्योंकि उन्हें सृष्टि के जन्मदिन की वजह से वापस आने की जल्दी थी।

    अब उनके बच्चों की देखभाल कौन करेगा?

    माली के बुजुर्ग पिता ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि क्या कहना है! भगवान को मेरे बेटे की जगह मुझे ले लेना चाहिए था... अब उनके बच्चों की देखभाल कौन करेगा? उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपनी बहू के लिए मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैं किसी से कोई पैसा नहीं लूंगा, लेकिन मैं हमारी सीएम से अनुरोध करूंगा कि वे देखें कि क्या मेरी बहू के लिए कुछ किया जा सकता है। हो सकता है कि उसे राज्य सरकार के किसी विभाग में नौकरी मिल जाए।

    मिलनसार व्यक्ति थे सुभो

    स्थानीय तृणमूल कांग्रेस पार्षद सुदर्शन मुखोपाध्याय ने सुभो को याद किया, जिन्हें इलाके में माली के नाम से जाना जाता था, एक मिलनसार व्यक्ति के रूप में, जिन्होंने लॉकडाउन अवधि के दौरान कोविड-19 रोगियों सहित लोगों की मदद करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। मुखोपाध्याय ने याद करते हुए कहा, 'सुभो एक हंसमुख युवक था जो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। उसने अपने पैसे से पीपीई किट भी खरीदी और कोविड रोगियों के साथ अस्पताल गया।'

    माली उन लोगों में से एक हैं, जिन्होंने सोमवार की सुबह सिलीगुड़ी के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 30 किलोमीटर दूर रंगापानी के पास खड़ी सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद उनकी जान चली गई। 

    यह भी पढ़ें: West Bengal: शिक्षक भर्ती घोटाले के खिलाफ आंदोलन रोकने का अपनाया ये कैसा तरीका? प्रदर्शनकारियों को ही दे डाली नौकरी

    यह भी पढ़ें: अमित मालवीय दायर करेंगे कोलकाता के वकील के खिलाफ मानहानि का मामला, यौन शोषण का लगाया था संगीन आरोप