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    Jadavpur University: रैंगिंग में शामिल चार छात्रों को आजीवन निष्कासित करने की सिफारिश, कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Tue, 05 Sep 2023 07:15 PM (IST)

    जेयू की आंतरिक जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय के कुलपति को सौंप दी है। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में रैगिंग रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाने की सिफारिश की गई है। आतंरिक समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के बाद कुछ सीनियर्स को हास्टल छोड़ना पड़ सकता है। घटना के दिन सीनियर होने के बावजूद वे चुप क्यों थे इस पर खुद कुलपति ने सवाल उठाया है।

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    रैगिंग की जांच के लिए जादवपुर विश्वविद्यालय की आंतररिक जांच कमेटी ने की है और कई सिफारिशें।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। जादवपुर विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच समिति ने प्रथम वर्ष के छात्र की असामान्य मौत के संबंध में कुलपति बुद्धदेव साव को पूरी रिपोर्ट सौंप दी है। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में रैगिंग रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाने की सिफारिश की गई है।

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    रिपोर्ट में रैगिंग में शामिल चार मौजूदा छात्रों को विश्वविद्यालय से आजीवन निष्कासन की भी सिफारिश की गई है। इसके अलावा कुछ पूर्व छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की भी अनुशंसा की गई है।

    आंतरिक जांच समिति का किया गया था गठन

    नौ अगस्त की रात जेयू के मेन हास्टल के ए-2 ब्लाक की तीसरी मंजिल से प्रथम वर्ष का छात्र गिर गया था। अगली सुबह अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। रहस्यमय मौत के पीछे रैगिंग के आरोप लगे थे। पुलिस जांच के साथ-साथ जादवपुर विश्वविद्यालय ने एक आंतरिक जांच समिति का गठन किया था। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक जांच कमेटी ने मंगलवार को अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने पहले अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट भी सौंपी थी।

    हालांकि, अंतिम रिपोर्ट में कई कठोर उपायों की सिफारिश की गई हैं। नौ अगस्त जेयू के मुख्य छात्रावास के ए-2 ब्लाक में जो लोग थे, उनमें से कई ने घटना का सटीक विवरण नहीं दिया है। उन्होंने घटना को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश की है।

    समिति ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है। इन सभी को हास्टल से बाहर करने की अनुशंसा की गई है। इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि उस रात छात्रावास में मौजूद छह पूर्व छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।

    आतंरिक समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के बाद कुछ सीनियर्स को हास्टल छोड़ना पड़ सकता है। घटना के दिन सीनियर होने के बावजूद वे चुप क्यों थे, इस पर खुद कुलपति ने सवाल उठाया है। परिणामस्वरूप, यह माना जा रहा है कि वे विश्वविद्यालय के छात्रावास में नहीं रह सकेंगे। एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है।

    यूजीसी ने ईसी के साथ की बैठक

    सूत्रों के मुताबिक रैगिंग में शामिल 15 छात्रों को एक सेमेस्टर, 11 छात्रों को दो सेमेस्टर, पांच छात्रों को चार सेमेस्टर के लिए निलंबित किया जा सकता है। यह भी निर्णय लिया जा सकता है कि किसी शोध छात्र को शोध पूरा होने के बाद परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। दूसरी ओर, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों और ईसी सदस्यों के साथ बैठक की।

    यूजीसी के प्रतिनिधियों ने सवाल उठाया कि रैगिंग पर कड़ी सजा क्यों नहीं दी गई? विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैया इतना नरम क्यों है? रैगिंग साबित होने पर क्या दोषी छात्र को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया?

    ये सभी सवाल यूजीसी के प्रतिनिधियों ने पूछे। इसके अलावा वे जानना चाहते थे कि इतने लंबे समय तक ईसी की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई? प्रतिनिधिमंडल के सूत्रों के अनुसार, जादवपुर विश्वविद्यालय ने यूजीसी के एंटी-रैगिंग दिशानिर्देशों का कितना अनुपालन किया है, इसकी जांच भी की जा रही है।

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