बंगाल की जेलों में बंद आतंकियों से पूछताछ करेंगी खुफिया एजेंसियां, कई धमाकों से लिंक होने के मिले सबूत
खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि आतंकी जेल से अपने संगठन के विस्तार का निर्देश दे रहे हैं। खुफिया एजेंसियां उनपर भी नजर रख रही हैं। इनमें से कुछ के बंगाल के खागड़ागढ़ व बिहार के बोधगया में हुए विस्फोट से लिंक होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं इसलिए खुफिया एजेंसियां उनसे नए सिरे से पूछताछ कर और जानकारी जुटाना चाहती हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। केंद्र व राज्य की खुफिया एजेंसियां बंगाल की जेलों में बंद आतंकियों से नए सिरे से पूछताछ की तैयारी कर रही है। राज्य की जेलों में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी), अंसारुल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) समेत विभिन्न आतंकी संगठनों के करीब 40 आतंकी बंद हैं।
आतंकी जेल से अपने संगठन के विस्तार का निर्देश दे रहे
खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि ये आतंकी जेल से अपने संगठन के विस्तार का निर्देश दे रहे हैं। इनमें से कुछ के बंगाल के खागड़ागढ़ व बिहार के बोधगया में हुए विस्फोट से लिंक होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं इसलिए खुफिया एजेंसियां उनसे नए सिरे से पूछताछ कर और जानकारी जुटाना चाहती हैं।
खागड़ागढ़ और बोधगया में हुए विस्फोट से लिंक होने के मिले सबूत
खागड़ागढ़ विस्फोट कांड में दोषी करार दिए गए 12 लोग सजा पूरी करके जेल से निकल चुके हैं। खुफिया एजेंसियां उनपर भी नजर रख रही हैं। जेलों में बंद आतंकियों पर भी नजरदारी बढ़ाने को कहा गया है। दो अक्टूबर, 2014 में खागड़ागढ़ में एक मकान में हुए विस्फोट में वहां मौजूद दो आतंकियों की मौत हो गई थी जबकि तीन लोग जख्मी हो गए थे।
कई आतंकियों को किया जा चुका है गिरफ्तार
मालूम हो कि बंगाल के विभिन्न जिलों से हाल के समय में कई आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। गत 21 दिसंबर को कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग इलाके से पाकिस्तान के आतंकी संगठन तहरीक-उल मुजाहिदीन के सदस्य जावेद अहमद मुंशी को जम्मू कश्मीर पुलिस व बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने संयुक्त कार्रवाई करके गिरफ्तार किया था। उससे पहले असम व बंगाल एसटीएफ ने मुर्शिदाबाद जिले से अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के दो सदस्यों को दबोचा था।
बंगाल की जेलों में बैठकर नेटवर्क फैला रहे आतंकी, खुफिया विभाग अलर्ट
पुलिस को राज्य की जेलों में बंद आतंकियों के साथ हाल में गिरफ्तार अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के आतंकियों के नियमित बातचीत के सबूत मिले हैं। असम व बंगाल पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में एबीटी के 12 आतंकियों को गिरफ्तार किया है।
आतंकी जेल में भी दिखा रहे थे सक्रियता
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकी जेल से ही संगठन को बढ़ाने के तरीके के बारे में निर्देश दे रहे थे। पुलिस के खुफिया विभाग ने जेल में बंद आतंकियों पर निगरानी कड़ी कर दी है। बता दें कि जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) समेत कई अन्य आतंकी राज्य की जेलों में बंद हैं। खुफिया सूत्रों का दावा है कि पिछले दिनों असम में गिरफ्तार किए गए एबीटी के आतंकी नूर इस्लाम मंडल, अब्बास अली व मिनारुल शेख की मोबाइल फोन पर बातचीत से पता चला है कि वे कैसे जेल में बंद आतंकियों के संपर्क में रहते थे।
राज्य में संगठन फैलाने की कोशिश में थे आतंकी
संगठन के विस्तार को लेकर उनके बीच संवाद हुआ था। सूत्रों ने कहा कि मिनारुल शेख और अब्बास अली कोलकाता के बाहर एक जेल में बंद एक आतंकी के निर्देश पर स्लीपर सेल की आड़ में राज्य में संगठन फैलाने का काम कर रहे थे। नूर इस्लाम मंडल यहां एबीटी माड्यूल का प्रमुख है। एबीटी प्रमुख जसीमुद्दीन रहमानी और सेकंड इन कमांड फरहान इसराक ने जेल कैदियों के बीच संचार बनाए रखने के लिए काम किया।
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