जादवपुर यूनिवर्सिटी में दीक्षा समारोह के खिलाफ अदालत जाने की तैयारी में राज्यपाल बोस, अनुमति के बगैर हुआ था आयोजन
जादवपुर यूनिवर्सिटी में राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस के खिलाफ दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया है। इसको लेकर राज्यपाल अदालत जाने की तैयारी में हैं। बता दें कि दीक्षा समारोह में छात्र-छात्राओं को दी गई डिग्रियों की वैधता पर राजभवन पहले ही सवाल उठा चुका है। बताया जा रहा है कि दीक्षा समारोह के लिए राज्यपाल से अनुमति नहीं ली गई थी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) में दीक्षा समारोह आयोजित किए जाने के विरुद्ध राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस अदालत का रुख कर सकते हैं। दीक्षा समारोह में छात्र-छात्राओं को दी गई डिग्रियों की वैधता पर राजभवन पहले ही सवाल उठा चुका है।
राज्यपाल की अनुमति के बिना हुई दीक्षा समारोह
बता दें कि राज्यपाल राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। राज्यपाल की अनुमति नहीं होने पर भी गत रविवार को दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया था। राज्यपाल ने इसे लेकर जेयू प्राधिकरण से स्पष्टीकरण भी मांगा है। जेयू के रजिस्ट्रार के कार्यालय को पत्र भेजकर कई सवाल किए गए हैं। पूछा गया है कि राज्यपाल की अनुमति व उपस्थिति के बिना दीक्षा समारोह का आयोजन कैसे हुआ? राज्यपाल द्वारा बुद्धदेव साव को जेयू के कुलपति के पद से हटा दिए जाने के बावजूद उन्होंने दीक्षा समारोह आयोजित करने का निर्णय कैसे ले लिया और आयोजन में आने वाली लागत को कैसे अनुमोदित किया?
मालूम हो कि राज्यपाल ने बुद्धदेव साव को निर्देश की अवमानना का हवाला देकर गत शनिवार को कुलपति के पद से हटा दिया था। उसके 12 घंटे बीतते न बीतते ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें बहाल कर दिया था और दीक्षा समारोह आयोजित करने के लिए विशेष अधिकार भी दिए थे। उसके बाद गत रविवार को दीक्षा समारोह आयोजित हुआ था।
बताया जा रहा है कि राज्यपाल को भी उसमें आमंत्रित किया गया था लेकिन वे शामिल नहीं हुए। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि कई छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने राज्यपाल को ईमेल करके यह जानना चाहा है कि दीक्षा समारोह में उनके बच्चों को जो प्रमाणपत्र प्रदान किए गए हैं, वे मान्य हैं या नहीं।
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